होली (holi) पर सामाजिक मर्यादाओं की होली (holi) मत जलाओ

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होली शब्द जितना  सुनने में अच्छा लगता है होली (holi) मनाने में खास कर वर्तमान की होली (holi) उतना ही डर भी लगता है !
सतयुग में  होलिका दहन से शुरू हुआ यह festival प्रतीक है सिर्फ और सिर्फ भगति भाव का भगति मर्यादा का !
भगत प्रह्लाद ने भगवान की भगति करके अपना सब कुछ यहां तक कि अपना जीवन भी भगवान (God) के मार्ग में कुर्बान कर दिया ! उसी का फल था कि भगवान ने स्वयं प्रकट होकर भगत प्रह्लाद की जीवन रक्षा की थी !

पर वर्तमान समय मे जो होली (holi) मनाई जा रही है भगति तो दूर की बात भगति मर्यादा ही नहीं है !
भगति मर्यादा से कोसों दूर आज की होली (holi) सामाजिक बंधनो , सामाजिक नियम , सामाजिक मर्यादाओ को तार तार की मनाई जा रही है !

मै अपने ही नहीं मेरे जैसे करोड़ो लोगो की भावनाओ को आज इस blog के माध्यम से प्रस्तुत कर रहा हूं !
ब्लॉग में कुछ नही सारी ही बातें कड़वी लिखी है पर है सत्य !
फ़ोटो में इतना अश्लील पन था कि इसे मुझे blur करना पड़ा ! आज के समय की होली (holi) में ऐसे नजारे आम बात हो गए है !
इस फोटो को देख कर अंदाजा लगाइये क्या इसे होली (holi) रंगों का प्रेम का त्यौहार नाम दिया जा सकता है ??
क्या प्रहलाद की भगति मर्यादा से शुरू हुआ यह त्योहार आज भगति मर्यादा ही नही सामाजिक मर्यादा पर खरा उतरता है !
पवित्र hindu धर्म मे यह ऐसे क्रियाकर्म घर करते जा रहे है ना जाने कितनी माता, बहनों को ऐसी ऐसी कितनी गलत हरकतों का सामना करना पड़ता होगा होली (holi) जैसे भगति मय त्यौहार पर !
कारण स्वभाविक है त्यौहार के नाम पर हमारी चुप्पी ना माता, बहने खुल कर विरोध कर पा रही है और ना ही उनके पिता, भाई कारण है कहीं ना कहीं वे खुद भी इसी समाज बिगाड़क कार्य का हिस्सा बन चुके है !
मैं भारत की करोड़ो माता, बहनो की आवाज आज blog के माध्यम से उठाना चाहता हूं कि इस गंदगी का खुल कर विरोध करें ! होली (holi) के नाम समाज मे फैल रही इस गंदगी का यदि हमने आज विरोध नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमने कभी माफ नहीं करेगी !
क्योंकि आगे आने वाले समय मे एक भगति युग शुरू होगा !
ऐसा बहुत से भविष्य कर्ताओं ने अपनी भविष्यवाणीयों में बताया है जो किसी अलग ब्लॉग में आपको बताया जाएगा !

ऐसा नही है कि इस गलत क्रियाकर्म पर कभी आवाज नही उठी है पर वह आवाज कम लोगो या माता बहनो की होने के कारण दबा दी गई !
पर मेरी इस मुहिम को आप जरूर एक Mee Too जैसे अभियान का रूप देंगे !
मैं इस ब्लॉग के माध्यम से भारत की सभी माता बहनों से निवेदन करता हूँ कि बहुत झेल लिया इस दंश को कभी विद्यार्थी बन कर कभी कॉलेज स्टूडेंट बन कर कभी किसी की भाभी बन कर पर अब ना सहे इस गलत परम्परा को समाज से दूर करने में मेरी मदद करे और एक आवाज उठाये !
कुछ इलाकों में यह रीति रिवाज है कि भाभी को देवर होली खिलाते है जो भी एक बहुत ग़लत परम्परा है इसे भी बन्द किया जाए !

मेरे अंदर ऐसे विचार प्रेरणा है एक महान सन्त के विचारों की
महान सन्त रामपाल जी महाराज के प्रवचनों से मैंने सीखा की पराई बहन बेटी खुद की बहन बेटी समान समझे पर नारी को बहन बेटी के भाव देखे !
यदि हमने ऐसे विचार ग्रहण कर लिए तो ब्लॉग लिखने की शायद आवश्यकता ही नही रहेगी !
आप भी सुने सन्त रामपाल जी महाराज के विचार दी गई वेबसाइट लिंक से !

अधिक जानकारी के here क्लिक करे


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