कबीर साहेब के चमत्कार
परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे मुर्दे को जीवित करना यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त भैंसों से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना तथा काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना इसके अतिरिक्त भी कई प्रमाणिक जानकारियां हमें मिलती है।
1. कबीर साहेब द्वारा सिकंदर राजा का जलन का रोग ठीक करना
कबीर साहेब जब 600 वर्ष पूर्व आए तब उन्होंने अनेको करिश्में दिखाऐ, उनमें से एक है दिल्ली के राजा सिकंदर लोदी की जलन का रोग आशिर्वाद मात्र से ठीक करना। राजा जलन जैसे आसाध्य रोग से पीड़ित था और सब तरफ से ईलाज आदि करवाकर थक चुका था लेकिन कोई आराम नहीं था। तब बादशाह को किसी ने कबीर साहेब के बारे में बताया कि वे महापुरुष ही ये रोग ठीक कर सकते हैं तभी सिकंदर को भी याद आया कि यह तो वही हैं जिन्होंने मरी हुई गाय को जीवित कर दिया था। जब खुद पर आपदा आती है तो कोई जाति व अमीरी गरीबी नहीं देखता उसे सिर्फ अपनी जान बचाने की सूझती है। इसी प्रकार दिल्ली नरेश भी काशी पहुंचा औऱ वहाँ के राजा वीरदेव सिंह बघेल तो कबीर जी को पूर्ण परमात्मा के रूप में पहचान चुके थे। सिकंदर लोदी ने सब व्यथा वीरदेव सिंह बघेल को बताई तो उन्होंने भी कहा कि कबीर जी ही उन्हें रोग मुक्त कर सकते है और वे आश्रम की ओर चल पड़े। वहां राजा सिकंदर लोदी ने अहंकार वश रामानंद जी (जो कबीर साहेब को परमात्मा रूप में पहचान चुके थे लेकिन सबके सामने कबीर जी के गुरू का अभिनय कर रहे थे) का किसी बात की कहासुनी पर वध कर दिया राजा बहुत घबरा गया कि एक पाप का बोझ तो उतरा भी नहीं कि एक बडा़ पाप और इकट्ठा कर लिया। राजा को डर था कि कबीर जी उन्हें माफ करेंगे भी या नहीं लेकिन फिर भी कबीर परमात्मा ने राजा को सांत्वना देते हुए आशिर्वाद दिया जिससे पल भर में ही उनका जलन का रोग गायब हो गया तथा कबीर साहेब जी ने अपने गुरुदेव स्वामी रामानंद जी को भी वापस जीवित कर दिया। उसके पश्चात् रामानंद जी ने कभी हिंदू-मुसलमान मे भेदभाव नही किया तथा सिकंदर लोदी ने कहा की:-
कबीर दर्शन दीन्हा जबै, तपन भई सब दूर ।
2. मुर्दे को जीवित करना
कबीर साहेब के चमत्कारो में से एक मुर्दों को भी जीवित करना, इसके दो सटीक उदाहरण है जिनमें कमाल और कमाली जो दोनों ही मृत थे।
- कमाल को जीवित करना
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी बादशाह सिकंदर से नाराज हो गए इसका कारण पूछने पर पीर शेखतकी की ने बताया की वह कबीर साहेब की परीक्षा लेना चाहता है अगर उस कबीर ने मुर्दे को जिंदा कर दिया तो वह मान लेगा कि वह भगवान है। यह बात जानकर राजा ने कबीर साहेब से प्रार्थना की और सारी समस्या बताई। इस पर कबीर साहिब ने कहा ठीक है और एक सुबह वह सब नदी के किनारे पर खड़े हुए थे वहां पर कबीर साहेब सिकंदर लोदी और उसका पीर शेखतकी भी था। तभी नदी में 10 -12 वर्ष का मृत लड़के का शव बहता हुआ दिखाई दिया। तभी कबीर साहिब ने शेखतकी से कहा कि हे! पीर पहले आप इस मुर्दे को जिंदा करने की कोशिश करें। इस बात पर वहां पर उपस्थित मंत्रियों और अन्य लोगों द्वारा शेखतकी को कहा गया कि मुर्दे को जिंदा करें। तभी शेखतकी पीर ने अपनी सारी तंत्र मंत्र की विद्या करता रहा इतने में वह मुर्दा बहता हुआ आगे चला गया। तो उस पीर ने कहा की मुर्दे थोड़ी जिंदा होते हैं, यह कबीर हम सबको भ्रमित कर, मुर्दे के बहने का इंतजार कर रहा है। फिर परमात्मा कबीर साहिब ने हाथ से इशारा किया और वह मुर्दा पानी के वेग के विपरीत दिशा मे चल कर कबीर साहिब के सामने आकर रुक गया। पानी की लहरें नीचे से बह रही थी और मृत लड़का उसके ऊपर रुका था। कबीर साहिब ने कहा कि हे! जीवात्मा जहां भी है कबीर हुकम से मुर्दे में प्रवेश कर और खडा हो। कबीर साहिब ने इतना कहा ही था की शव में कंपन हुई तथा जीवित होकर खडा हो गया। कबीर साहेब के चरणों में दंडवत प्रणाम किया। परमात्मा की जयकार लगाई और सबको बताया कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है। वहां पर सभी उपस्थित जनों ने कहा की कबीर साहिब ने तो कमाल कर दिया। तो उस लड़के का नाम कमाल ही रख दिया गया।
- कमाली को जीवित करना
शेखतकी ने देखा यह कबीर तो किसी प्रकार काबु में नहीं आ रहा है, तब शेखतकी ने जनता से कहा कि यह कबीर जादूगर है ऐसे ही जंतर-मंतर दिखाकर आम जनता और बादशाह सिकंदर की बुद्धि भ्रष्ट कर रखी है। सारे मुसलमानों से कहा कि तुम मेरा साथ दो वरना बात बिगड़ जाएगी। तब मुसलमानों ने कहा कि जैसे तुम कहोगे हम ऐसे ही करेंगे। शेखतकी ने कहा कि इस कबीर को तब भगवान मानेंगे जब मेरी लड़की को जीवित कर देगा, जो कब्र में दबी हुई है और सब जगह ढिंडोरा पिटवा दूंगा की कबीर ही भगवान है। बादशाह सिकंदर ने परमात्मा कबीर साहिब से प्रार्थना की कि वह शेखतकी की लड़की को जिंदा कर दे। बादशाह सिकंदर को परमात्मा पर विश्वास था क्योंकि वह परमात्मा के चमत्कारो से वाकिफ था। तब हजारों की संख्या में लोग कब्र के पास इकट्ठा हो गए और दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी भी अपने मंत्रीमंडल के साथ गए और कब्र को फुड़वाया गया। तब फिर परमात्मा कबीर साहिब ने पीर शेखतकी से कहा की तू अपनी लड़की को जिंदा करने की कोशिश कर ले। सभी उपस्थित जनों ने कहा इसके पास कुछ नहीं है आप ही दया करें। फिर कबीर साहिब ने तीन कहा की शेखतकी की लड़की तू जिंदा हो जा, पर वह जिंदा नहीं हुई। इस पर शेखतकी बहुत खुश हुआ, उसे अपनी लड़की के जिंदा न होने का दुख नहीं हुआ।
कबीर राज तजना सहज है सहज त्रिया का नेह!
मान बड़ाई ईर्ष्या, दुर्बल तजना ये॥
कबीर साहिब ने कहा हे जीवात्मा तू जहां कहीं भी है इस लड़की के शरीर में प्रवेश कर। इतना कहते ही वह लड़की जीवित हो गई। तथा कबीर साहिब जी को दंडवत प्रणाम किया। यह देख सब लोगों ने कहा कि कमाल कर दिया और इस वजह से उस लड़की का नाम कमाली रखा गया।
3. काशी में बहुत बड़ा भंडारा करना
कबीर परमेश्वर को काशी शहर से भगाने के उद्देश्य से हिंदूओ तथा मुसलमानों के धर्मगुरुओं ने षड्यंत्र के तहत झूठी चिट्ठी में निमंत्रण भेजा कि कबीर जुलाहा 3 दिन का भोजन भंडारा करेगा। शेख तकी जो राजा सिकंदर लोधी का धार्मिक गुरु था वह इसका मुख्य षड्यंत्रकारी था लेकिन कबीर परमात्मा समर्थ है। कबीर जी स्वयं अपने भक्त रविदास के साथ कुटीया में विराजमान थे और अपनी लीला करते हुए उन्होंने सतलोक से नो लाख बैलों तथा कुछ बंजारे वाले वेश में भगत सेवादार लिए तथा स्वयं कबीर साहिब ने केशव बंजारे का रूप धारण किया और अपने निजधाम सतलोक से काशी शहर में एक क्षण में पृथ्वी के ऊपर आ गए। भंडारा इतना अदभुत था कि सभी तरह की सुविधाएं व अनेकों प्रकार के पकवान कोई कितनी बार भी खाए किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं थी। भंडारा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मोहर और दोहर भी दी जा रही थी, चाहे वह कितनी बार ही भंडारा करो हर बार मोहर और दोहर दी जा रही थी।
राजा सिकंदर लोदी भी इस तरह के भंडारे को देखकर आश्चर्यचकित हो गया जब उन्होंने केशव बंजारे से बातचीत की तो उन्होंने पूछा की कबीर साहेब कहाँ है, तो केशव बंजारे ने कहा कि आ जाएंगे प्रभु जब दया होगी तो केशव बंजारे ने कहा यह तो छोटा सा भंडारा है, मैं तो कबीर जुलाहे का पगड़ी बदल यार हूँ।
उस वक़्त कबीर परमेश्वर जुलाहे रूप में अपने भगत रविदास के साथ अपनी कुटिया में विराजमान थे।
सिकंदर लोदी इस तरह के भंडारे को देखकर कबीर परमेश्वर की कुटिया की तरफ गए और उन्हें सम्मानपूर्वक अपने हाथी के ऊपर बिठा कर लाए, जहां भंडारा चल रहा था। चारों तरफ कबीर परमेश्वर की जय-जयकार हो रही थी। काशी शहर के लोग चर्चा कर रहे थे कि आज तक ऐसा भंडारा नहीं देखा लेकिन वहाँ शेख़तकी पीर जो की राजा सिकंदर लोधी का धार्मिक गुरु था, वह कबीर साहेब जी से इर्ष्या वश होकर कहने लगा की "क्या भंडारा किया है, ऐसा तो हम रोज कर दे।"
इस विषय मे परमात्मा की वाणी है:-
कोई कहे जग जोनार करी है, कोई कहे महोछा।
बड़े बड़ाई किया करे, गाली काढ़े ओछा।।
राजा सिकंदर लोदी भी इस तरह के भंडारे को देखकर आश्चर्यचकित हो गया जब उन्होंने केशव बंजारे से बातचीत की तो उन्होंने पूछा की कबीर साहेब कहाँ है, तो केशव बंजारे ने कहा कि आ जाएंगे प्रभु जब दया होगी तो केशव बंजारे ने कहा यह तो छोटा सा भंडारा है, मैं तो कबीर जुलाहे का पगड़ी बदल यार हूँ।
उस वक़्त कबीर परमेश्वर जुलाहे रूप में अपने भगत रविदास के साथ अपनी कुटिया में विराजमान थे।
सिकंदर लोदी इस तरह के भंडारे को देखकर कबीर परमेश्वर की कुटिया की तरफ गए और उन्हें सम्मानपूर्वक अपने हाथी के ऊपर बिठा कर लाए, जहां भंडारा चल रहा था। चारों तरफ कबीर परमेश्वर की जय-जयकार हो रही थी। काशी शहर के लोग चर्चा कर रहे थे कि आज तक ऐसा भंडारा नहीं देखा लेकिन वहाँ शेख़तकी पीर जो की राजा सिकंदर लोधी का धार्मिक गुरु था, वह कबीर साहेब जी से इर्ष्या वश होकर कहने लगा की "क्या भंडारा किया है, ऐसा तो हम रोज कर दे।"
इस विषय मे परमात्मा की वाणी है:-
कोई कहे जग जोनार करी है, कोई कहे महोछा।
बड़े बड़ाई किया करे, गाली काढ़े ओछा।।
4. सेऊ-सम्मन की कथा
एक समय कबीर साहेब अपने भक्त सम्मन के यहाँ अचानक दो सेवकों (कमाल व शेखफरीद) के साथ पहुँच गए। सम्मन के घर कुल तीन प्राणी थे:-सम्मन, सम्मन की पत्नी नेकी और सम्मन का पुत्र सेऊ (शिव)। भक्त सम्मन इतना गरीब था कि कई बार अन्न भी घर पर नहीं होता था, सारा परिवार भूखा सो जाता था और आज वही दिन था। भक्त सम्मन ने अपने गुरुदेव कबीर साहेब से पूछा कि साहेब खाने का विचार बताएँ, खाना कब खाओगे? कबीर साहेब ने कहा कि भाई भूख लगी है, भोजन बनाओ। सम्मन अन्दर घर में जा कर अपनी पत्नी नेकी से बोला कि अपने घर अपने गुरुदेव भगवान आये है, उनके लिए भोजन बनाओ। तभी नेकी ने कहा घर मे कुछ नही है बनाने के लिये, तब उसने सोचा पड़ोस से मांग लू , लेकिन सबने कहा कि "तुम्हारे घर तुम कहते हो भगवान आये है कबीर जी, तो अब हमारे घर क्यों आये हो"? तभी सम्मन ने कहा एक सेठ है उसकी खिड़की से आटा चोरी करके ले आए। सेउ को भेजा खिड़की से आटा लेने के लिये, तब जैसे ही सेउ अंदर गया, सेठ उठ गया और सेउ ने आटा बाहर अपने पिता सम्मन को दे दिया वो घर आया , नेकी ने पूछा कहाँ है सेउ? तो सम्मन ने कहा सेठ ने पकड़ लिया, तब नेकी ने कहा- उसकी गर्दन काट लाओ अगर उसका चेहरा किसी ने देखा तो हमारे भगवान में दोष निकालेंगे, की यह कबीर जी के शिष्य है, फिर सम्मन सेउ की गर्दन काट लाता है और फिर नेकी खाना बनाती है, तब तीन थाली में खाना अलग अलग रखती है। कबीर जी के साथ दो शिष्य भी थे, तब कबीर जी ने कहा की छः थालियों में भंडरा लगाओ, नेकी 6 थालियों मे भोजन लगा देती है। लेकिन मन में सोचती है सेउ तो मर गया है, लेकिन कबीर साहेब तो अंतर्यामी है, उन्होंने कहा "शीश तो चोरों के कटते है भगतों के नही", तभी सेउ के शीश लग जाता है और कही खरोच तक नही थी।
जो चावे सो करदे सतगुरु, भ्रम पड़ो मत कोई।
5. भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना
कबीर साहेब जी एक लीला स्वरूप स्वामी रामानन्द जी को गुरु बनाये ताकि गुरु पद्दति बनी रहे। कबीर साहेब जी ने स्वामी रामानन्द जी को तत्वज्ञान कगया जिससे रामानन्द जी जान गए थे कि कबीर साहेब स्वयं परमेश्वर हैं। वे कबीर साहेब जी द्वारा बताए मन्त्र जाप करते थे लेकिन लोगों की नजरों में कबीर परमात्मा जी के गुरू कहलाये। स्वामी रामानन्द जी जहाँ भी किसी सत्संग-समागम में जाते थे तो कबीर जी को साथ लेकर जाते थे। एक समय एक तोताद्री नामक स्थान पर सत्संग था। दूर-दूर के ब्राह्मण, पण्डित लोग वहाँ पधारे। स्वामी रामानन्द जी भी परमेश्वर कबीर जी के साथ उस सत्संग में शामिल हुए। उस समागम में एक महामंडलेश्वर आया हुआ था। वह सत्संग कर रहा था व प्रसंग चल रहा था कि रामचंद्र जी ने भीलनी के झूठे बेर खाये। इसी तरह साधु सन्तो को भी सहनशील स्वभाव का होना चाहिए।
सत्संग के पश्चात् भोजन-भण्डारा शुरू हुआ। मुख्य पाण्डे को पता चला कि स्वामी रामानन्द जी के साथ कबीर आया हुआ है वह जुलाहा जाति से है। वह रामानन्द के साथ ब्राह्मणों वाले पांडाल में भोजन करने के लिए साथ आएगा, यदि मना करेंगे तो रामानन्द जी नाराज हो जाऐंगे
उन्होंने एक योजना बनाई और कहा कि जो ब्राह्मणों वाले भण्डारे में भोजन करेंगे उनको वेद के चार मन्त्र सुनाने होंगे। सभी ब्राह्मण पंडित चार-चार वेद मन्त्र सुना कर प्रवेश हो रहे थे।
जब कबीर जी की बारी आई तो उनसे भी कहा कि चार वेद मन्त्र सुनाओ। तब परमेश्वर ने देखा कि थोड़ी-सी दूरी पर एक भैंसा घास चर रहा था, परमेश्वर कबीर जी ने भैंसे को हुर्र कह कर पुकारा और वह दौड़ा-दौड़ा आया।
तब कबीर जी ने उस भैंसे की कमर पर हाथ से थपकी लगाई और कहा कि भैंसा जी इन पंडितों को वेद के चार मन्त्र सुनाओ और भैंसे ने 6 मन्त्र सुना दिए। परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि भैंसा जी पंडितों को अनुवाद भी करके सुना दे। भैंसे ने शुद्ध उच्चारण करके वेदों के मन्त्रो का अनुवाद भी किया कि कविर्देव ही परम शान्ति दायक हैं, वह पापों का नाश करने वाले बन्दी छोड़ कविर्देव है। वह पूर्ण परमात्मा अपने तेजोमय स्वरूप को कम करके अपने लोक से चल कर आता है। अच्छी आत्माओं को मिलता है, वह परमेश्वर आपके पास यह कबीर धानक खड़ा है।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा- "हे भैंसा आप ब्राह्मणों वाले पांडाल में भोजन खाओ, मैं तो सामान्य भण्डारे में प्रसाद पा लूंगा"। उपस्थित पंडित शर्म से लज्जित हो गये तथा वहाँ उपस्थित हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ ने कबीर परमेश्वर से नाम दीक्षा ली।
सत्संग के पश्चात् भोजन-भण्डारा शुरू हुआ। मुख्य पाण्डे को पता चला कि स्वामी रामानन्द जी के साथ कबीर आया हुआ है वह जुलाहा जाति से है। वह रामानन्द के साथ ब्राह्मणों वाले पांडाल में भोजन करने के लिए साथ आएगा, यदि मना करेंगे तो रामानन्द जी नाराज हो जाऐंगे
उन्होंने एक योजना बनाई और कहा कि जो ब्राह्मणों वाले भण्डारे में भोजन करेंगे उनको वेद के चार मन्त्र सुनाने होंगे। सभी ब्राह्मण पंडित चार-चार वेद मन्त्र सुना कर प्रवेश हो रहे थे।
जब कबीर जी की बारी आई तो उनसे भी कहा कि चार वेद मन्त्र सुनाओ। तब परमेश्वर ने देखा कि थोड़ी-सी दूरी पर एक भैंसा घास चर रहा था, परमेश्वर कबीर जी ने भैंसे को हुर्र कह कर पुकारा और वह दौड़ा-दौड़ा आया।
तब कबीर जी ने उस भैंसे की कमर पर हाथ से थपकी लगाई और कहा कि भैंसा जी इन पंडितों को वेद के चार मन्त्र सुनाओ और भैंसे ने 6 मन्त्र सुना दिए। परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि भैंसा जी पंडितों को अनुवाद भी करके सुना दे। भैंसे ने शुद्ध उच्चारण करके वेदों के मन्त्रो का अनुवाद भी किया कि कविर्देव ही परम शान्ति दायक हैं, वह पापों का नाश करने वाले बन्दी छोड़ कविर्देव है। वह पूर्ण परमात्मा अपने तेजोमय स्वरूप को कम करके अपने लोक से चल कर आता है। अच्छी आत्माओं को मिलता है, वह परमेश्वर आपके पास यह कबीर धानक खड़ा है।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा- "हे भैंसा आप ब्राह्मणों वाले पांडाल में भोजन खाओ, मैं तो सामान्य भण्डारे में प्रसाद पा लूंगा"। उपस्थित पंडित शर्म से लज्जित हो गये तथा वहाँ उपस्थित हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ ने कबीर परमेश्वर से नाम दीक्षा ली।
Nice blog written , and correct information about Lord Kabir ji 👌
जवाब देंहटाएंKabir is supreme God
हटाएंYes kabir is supreme God
हटाएंYes this blog prove that kabir is supreme God 🙏
हटाएंRight thing
हटाएंOriginal God of the world
हटाएंKabir is supreme god
हटाएंKabir is Supreme god and Sant Rampal Ji Maharaj is great sant in whole world.
हटाएंKabir is Supreme God
हटाएंKeshav Banjara was the similar form of Lord Kabir Saheb.
जवाब देंहटाएंMiraculous Lord Kabir
जवाब देंहटाएंWow
हटाएंKabir is god
जवाब देंहटाएंवास्तविक भगवान कबीर साहेब जी ही हे।
जवाब देंहटाएंयह वास्तविक अध्यात्मिक ज्ञान है
हटाएंkabir is god
जवाब देंहटाएंkabir is god
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएंAll the conspiracies to kill Kabir Sahib had failed, because he is an eternal God. He does not have the body made-up of five elements, but the immortal body made of one 'Nuri' element is of that Saheb.
#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
Great Sant ji
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएंLord Kabir stopped an intense sea storm, HE save his devotee Damoder Seth with his ship and many people. For true worship read Gyan Ganga.
#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
Drinking virgin cow's milk by Shishu Kabir Dev "
जवाब देंहटाएंWhen Neeru Neema failed in trying to feed the child Kabir. Then Kabir Saheb said, bring a virgin cow, I will drink its milk. So did happen.
Nice
जवाब देंहटाएंसत साहिब कबीर देव जी महाराज ही एकमात्र पूर्ण परमात्मा है जो तीनो लोको का पालन पोषण करते हैं बाकी किसी देवी देवता,पीर फकीर मे सामर्थ्य नही है दुखदर्द रोग अकाल मृत्यु से छुटकारा दिलवाने की ये बात जितनी जल्दी कोई भी समझ लेगा उसका जीवन धन्य हो जायेगा क्योंकि ये मानव जीवन मिलना बहुत ही दुर्लभ है
जवाब देंहटाएंअनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रत्ती नहीं भार सो तो पुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार
हटाएंSat sahab kabir dev ji is supreme god
जवाब देंहटाएंSat sahab
जवाब देंहटाएंसत साहिब कबीर देव जी महाराज की जय हो कबीर देव जी महाराज आप को कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम आपकी कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे यही कामना है
जवाब देंहटाएंतत्व दर्शी गुरू रामपाल जी महाराज जी जय हो गुरू महाराज आप को कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम आपकी कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे यही कामना है
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंAwesome gyan
True spiritual knowledge
Surviving Dead Cow"
जवाब देंहटाएंSikandar Lodhi cut it into two pieces with the sword of a cow. The cow was pregnant and the baby also split into two.
Then the king of Sikandar Lodhi said that Kabir, if you are God, then make this cow alive, otherwise your head will also be cut (cut). Saheb Kabir once applied both the pieces of hand cow and the second time he put pieces of his baby. At the same time both mother and son became alive. Sahib Kabir took milk out of the cow and filled it with a very big egg (bucket)
And where -
Gau is its mother, not a knife on it.
Garibdas ghee milk, eat all self.
Give a pinch, please go live.
Garibdas started getting hurt, milk is full.
True is Kabir real god
जवाब देंहटाएंआया है बंजारा कैशो आया है।
जवाब देंहटाएंकाशी लाया माल अपारा केशो आया है।
आया है बंजारा केशो आया है।।
यह तो परमात्मा की लीला टी कैसे रूप में बंजारा बन कर पूर्ण परमात्मा कबीर देव खुद ही सारी लीला करते हैं।
Awesome
जवाब देंहटाएंहाथी डर से चिल्लाकर (चिंघाड़ मारकर) भागने लगा। परमेश्वर के सब रस्से टूट गए। उनका तेजोमय विराट रूप सिकंदर लोधी को दिखा। तब बादशाह ने कांपते हुए अपने गुनाह की माफी मांगी।
जवाब देंहटाएं5 June कबीर प्रकट दिवस
In the dictionary of Lord Kabir impossible word have no place.
जवाब देंहटाएंकबीर परमात्मा जब भैंसे से मंत्र बुलवा सकते हैं तो फिर उनके लिए क्या असंभव है।
जवाब देंहटाएंसतगुरु जो चाहे सो कर दे भ्रम पङो मत कोई
सेऊ धङ पर शीश चढ़ाया पाछे करी रसोई ।।
Kabir is supreme god.
जवाब देंहटाएंKabir is supreme god
जवाब देंहटाएंवास्तव में कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है और आज पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत है जिन्होंने पूर्ण परमात्मा की पहचान और सही भक्ति विधि बताई
जवाब देंहटाएंवास्तव में सतगुरु रामपाल जी महाराज जी वह तत्वज्ञान बताया है जो आज तक किसी ने नहीं सुना है उनके पास ही पूर्ण मोक्ष मंत्र है
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंकबीर साहिब जी पूर्ण परमात्मा है इसका प्रमाण पवित्र अथर्ववेद कांड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7 में है
जवाब देंहटाएंVery nicely spiritual knowledge
जवाब देंहटाएंपोस्ट को पढ़ने के बाद यह समझ में आता है कि कबीर की पूर्ण परमात्मा है
जवाब देंहटाएंकबीर जी ही पूर्ण परमात्मा है ।
जवाब देंहटाएंसभी शास्त्रों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है
जवाब देंहटाएंअपन सभी शास्त्रों से प्रमाणित कर देख सकते हैं कि वह परमात्मा कौन है जिससे हमें सारे सुख शांति प्राप्त होगी तथा हमारा मोक्ष होगा और इस जीवन में हमें सारी चीजें की उपलब्धि होगी और हम सुख शांति से जीवन व्यतीत करें सके
#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएं‘‘शिशु कबीर परमेश्वर का नामांकन"
जब कबीर साहेब का नाम रखने के लिए कुरान शरीफ पुस्तक को काज़ी ने खोला। प्रथम नाम ‘‘कबीरन्’’ लिखा था। काजियों ने सोचा इस छोटे जाति वाले का कबीर नाम रखना शोभा नहीं देगा। पुनः कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर--कबीर हो गए।
Very nice 🙏👌
जवाब देंहटाएंGod can do anything.... Everything is Possible for god.....
जवाब देंहटाएंकबीर साहेब समर्थ भगवान है, कुल के मालिक है सृष्टि रचनहार है सर्वशक्तिमान है😊🙏
जवाब देंहटाएंSant Rampal ji is great.
जवाब देंहटाएंTrue spiritual knowledge
जवाब देंहटाएंtrue spiritual knowledge
जवाब देंहटाएंsaint Rampalji maharaj is suprme god
जवाब देंहटाएंOnly LordKabir can did great chamtkar.
जवाब देंहटाएंGreat miracles of LordKabir.
जवाब देंहटाएंकबीर परमात्मा समर्थ भगवान है वह सब कुछ कर सकते हैं।
जवाब देंहटाएंमुर्दे को जीवित करना
जवाब देंहटाएंऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 में प्रमाण मिलता है कि पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
उसी विधान अनुसार कबीर परमेश्वर ने कमाल, कमाली नाम के मुर्दों को जीवित किया था।
शिशु कबीर देव द्वारा कुँवारी गाय का दूध पीना’’
जवाब देंहटाएंजब बालक कबीर को दूध पिलाने की कोशिश में नीरू नीमा असफल रहे। तब कबीर साहेब ने कहा कुँवारी गाय ले आओ मैं उसका दूध पीऊँगा। ऐसा ही हुआ।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है तब कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।
सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना"
जवाब देंहटाएंपरमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी।
आओ सेउ जीम लो,यह प्रसाद प्रेम।
सिर कटते हैं चोरों के,साधों के नित्य क्षेम।।
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं। सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।
Nice
जवाब देंहटाएंSant Rampal ji is great
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है जो मेरे गुरु जी संत रामपाल जी महाराज ओर हम संत रामपाल जी के शिष्य गुरु को भगवान मानते हैं और गुरु की बताई भक्ति से हमे बहुत लाभ भी हुवे
जवाब देंहटाएं🔅विभीषण और मंदोदरी को मिले थे परमात्मा
जवाब देंहटाएं"कबीर सागर" में प्रमाण है कि त्रेतायुग में कबीर परमेश्वर जी मुनींद्र ऋषि के रूप में आए थे। विभीषण और मंदोदरी को शरण में लेकर उन्हें नाम उपदेश देकर सत्य भक्ति प्रदान की। पूरी लंका नगरी में केवल वे दोनों ही भक्ति भाव तथा साधु विचार वाले थे। जिस कारण उनका अंत नहीं हुआ।
Very nice
हटाएंकबीर साहेब जी ही पूर्ण परमात्मा और पूर्ण गुरु है।
जवाब देंहटाएंNyc
जवाब देंहटाएंवेदों में परमान है कबीर साहेब जी भगवान है।
जवाब देंहटाएं#कबीरपरमेश्वर_सशरीर_सतलोक_गए मगहर में परमात्मा का चमत्कार!
जवाब देंहटाएंकबीर परमेश्वर जी के अद्भुत चमत्कार जैसे अकाल से बचाना, सूखी आमी नदी बहाना, सशरीर सतलोक जाना आदि देखकर तथा उनके द्वारा दिए तत्वज्ञान का अनुसरण करके मगहर के सर्व हिंदू-मुसलमान आज भी विशेष प्रेम से रहते हैं। आज तक उनकी धर्म के नाम पर कोई लड़ाई नहीं हुई।
Authentic information about Kabir ji and history also give satisfy with this information
जवाब देंहटाएंAuthentic information about Lord Kabir
जवाब देंहटाएंहमारे मानव समाज के सभी वेद और शास्त्र पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की ही महिमा का बखान कर रहे है।
जवाब देंहटाएंKabir is complete god.
जवाब देंहटाएंअपने सभी धर्म के सद्ग्रन्थों में लिखा हुआ कि वह परमात्मा कबीर साधक की 100 वर्ष की आयु प्रधान कर देते है।
जवाब देंहटाएंकेवल कबीर साहेब जी पूर्ण गुरु है जो हमारे सभी पाप कर्मों को काट कर हमें सुखी कर देते है।
जवाब देंहटाएंमुर्दे को जीवित करना
जवाब देंहटाएंऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 में प्रमाण मिलता है कि पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
उसी विधान अनुसार कबीर परमेश्वर ने कमाल, कमाली नाम के मुर्दों को जीवित किया था सतगुरु रामपाल जी महाराज जी पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी के ही अवतार हैं यही लीला कर रहे हैं ।
हा कबीर साहेब भगवान है अपने सभी सद्ग्रन्थों में लिखा हुआ है।
जवाब देंहटाएंसतयुग में सत्सुकृत टेरा त्रेता नाम मुनींद्र मेरा द्वापर में करुणामय कहाया कलयुग नाम कबीर धराया।
जवाब देंहटाएंWhen Kabir had not submerged the river Ganga even once, Shekhtaki again ordered that he tie the stone back into the Ganges and throw it into the water. All the stones were freed from water, but Lord Kabir sat on the water for good governance. Waves of Ganges water were flowing from below.
जवाब देंहटाएंकबीर साहिब जी ही पूर्ण परमात्मा है वही के सृष्टि के सर्जन हार है
जवाब देंहटाएंकबीर जी ही समर्थ परमात्मा है
जवाब देंहटाएंGod Kabir can relieve all suffering because he is absolute God.
जवाब देंहटाएंअमर करू सतलोक पट्ठाऊ ताते बंदी छोड़ कहाऊ।
जवाब देंहटाएंवेदों में लिखा हुआ कि वह कबीर साहेब जी जो साधक की उम्र ना रही हो तो उसको उम्र बढ़ा देते हैं।
जवाब देंहटाएंNycc
जवाब देंहटाएंVery good information this blog
जवाब देंहटाएंकबीर चारों युग में मेरे संत पुकारे कूक कहा हम हेल रे।
जवाब देंहटाएंहीरे माणिक मोती बरसे ये जग चुगता ढेल रे।।
Nice
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जवाब देंहटाएंKabir is god
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंThnQ for this knowledge
जवाब देंहटाएंGreat knowledge
जवाब देंहटाएंNice article
जवाब देंहटाएंAmazing spiritual knowledge 👏
जवाब देंहटाएंमुर्दे को जीवित करना
जवाब देंहटाएंऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 में प्रमाण मिलता है कि पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है
Awesome blog, kabir saheb is supreme court
जवाब देंहटाएंAuthentic knowledge
जवाब देंहटाएंKabir is supreme power
जवाब देंहटाएंKabir is supreme god
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा कबीर साहब मरे हुए को 100 वर्ष तक की आयु प्रदान कर सकते हैं ऐसा वेदों में लिखा हुआ है
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा कबीर साहब मरे हुए को 100 वर्ष तक की आयु प्रदान कर सकते हैं ऐसा वेदों में लिखा हुआ है
जवाब देंहटाएंकबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है कबीर साहेब ही समर्थ परमात्मा है जो चाहे सो कर दे
जवाब देंहटाएंKabir kir real god
जवाब देंहटाएंAwesome knowledge
जवाब देंहटाएंAppreciate
जवाब देंहटाएंKabir is God
जवाब देंहटाएंGod Kabir is Great
जवाब देंहटाएंVERY NICE POST
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंVerry nice
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंMiracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएंKabir is supreme God
जवाब देंहटाएंNice information of god kabir
जवाब देंहटाएंपोस्ट बहुत अच्छी जानकारी है कबीर साहब ने बहुत सारे चमत्कार दिखाएं इन सब से तो ऐसा लगता है कबीर साहब ही पूर्ण परमात्मा है
जवाब देंहटाएंपढने से पता चला की कबीर जी पूर्ण परमात्मा हैं
जवाब देंहटाएंValuable information
जवाब देंहटाएंGood katha
जवाब देंहटाएंNice blog
जवाब देंहटाएंKabirJi is Supreme Power
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंNice Blog
जवाब देंहटाएंTrue spiritual Knowledge this blog post
जवाब देंहटाएंकबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है
जवाब देंहटाएंLord kabir
जवाब देंहटाएंKabir is God complete God
जवाब देंहटाएंAmazing knowledge about spirituality.
जवाब देंहटाएंकबीर जी पूर्ण परमात्मा है और परमात्मा के लिए कोई भी काम असंम्भव नहीं होता और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज के रूप में मौजूद है। आप सभी से निवेदन है की उनसे दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाए
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंकबीर जी पूर्ण परमात्मा है और परमात्मा के लिए कोई भी काम असंम्भव नहीं होता और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज के रूप में मौजूद है। आप सभी से निवेदन है की उनसे दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाए
जवाब देंहटाएंKabir is Real God
जवाब देंहटाएंSat saheb ji
Nice
जवाब देंहटाएंKabir is supreme god
जवाब देंहटाएंMiracle of Kabir Parmeshwar Which is proof in our scriptures that God can remove all the sufferings of his followers and give them the age of a hundred years.
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंसर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
Amazing knowledge
जवाब देंहटाएंKabir is supreme power
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जवाब देंहटाएंMai janu Hari door hai Hari hirday bharpoor
Manush dhudhai bahira niaray hokar door .
I know the God is far away but God is fully in heart
People search Him outside , he is near but seems far
QAnon
Must watch sadhnaTV at 7:30pm
Nice Post
जवाब देंहटाएंRight
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएंराम और अल्लाह एक ही हैं!
600 साल पहले कबीर साहेब ने मगहर में शरीर छोड़ने से पहले सभी लोगो को अपना ज्ञान समझाते हुए कहा कि राम और अल्लाह एक ही हैं सभी धर्मों के लोग एक परमपिता की संतान है।
@SaintRampalJiM
#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
सत साहेब जी 🙏 🙏
जवाब देंहटाएंKabir is the supreme god
जवाब देंहटाएंKabir is superm God
जवाब देंहटाएंNice Post
जवाब देंहटाएं#कबीरपरमेश्वर_सशरीर_सतलोक_गए
जवाब देंहटाएंआदरणीय गरीब दास जी ने परमात्मा कबीर साहेब की मगहर लीला का वर्णन करते हुए कहा था कि.......देखा मगहर जहुरा सतगुरु,
काशी में कीर्ति कर चाले,
झिलमिल देही नूरा हों l
Kabir is god.
जवाब देंहटाएंकबीरपरमेश्वर_सशरीर_सतलोक_गए
जवाब देंहटाएंKabir is suprime god.
जवाब देंहटाएं"सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना"
जवाब देंहटाएंपरमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी।
आओ सेउ जीम लो,यह प्रसाद प्रेम।
सिर कटते हैं चोरों के,साधों के नित्य क्षेम।।
आज से 600 वर्ष पहले शेख तकी जैसे वीरों ने कबीर साहब के साथ अत्याचार किया था आज वही क्रिया राजनेता एवं धर्म गुरुओं ने मिलकर संत रामपाल जी महाराज के साथ कर रहे हैं लेकिन सांच को कभी आंच नहीं आ सकता सच्चाई 1 दिन सभी के सामने आएगी
जवाब देंहटाएं5 जून कबीर प्रकट दिवस
Amazing spiritual knowledge 👏
जवाब देंहटाएंKabir is Supreme God
जवाब देंहटाएंगोरखनाथ के साथ चमत्कार
जवाब देंहटाएंएक बार गोरखनाथ जी जब कबीर परमेश्वर जी के साथ ज्ञान गोष्ठी कर रहे थे तो गोरखनाथ जी कबीर जी के सामने 5-6 फुट का त्रिशूल जमीन में गाड़कर उस पर बैठ गये और कहा कि यदि वार्ता करनी है तो मेरे साथ आकर बैठो।
कबीर जी ने एक धागे की रील आसमान में उछाली और 150 फुट की ऊंचाई पर धागे के अंतिम सिरे पर जाकर बैठ गए।
गोरखनाथ जी देखते रह गए।
"5 जुन को कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस"
बहुत ही अनमोल ज्ञान है जी
जवाब देंहटाएंActually inspirational story of God Kabir. Salvation will be our Aim And only the way of worship through Kabir God.
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख हैं। हकीकत में कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है सबका मालिक है।वे हर युग में आते हैं और अपनी प्यारी हंस आत्माओं को सद्भक्ति प्रदान कर पूर्ण मोक्ष प्रदान करते हैं।
जवाब देंहटाएंकबीर परमात्मा ही अविनाशी परमात्मा है जिनकी भक्ति करने से ही हमें सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलना संभव है
जवाब देंहटाएंAmazing spiritual knowledge
जवाब देंहटाएंबहुत ही रहस्ययुक्त जानकारी दी है जी
जवाब देंहटाएंgreat .. wow.
जवाब देंहटाएंNice post
जवाब देंहटाएंकबीर परमेश्वर सर्व शक्तिमान सारे ब्रहमाण्ड के रचियता समर्थ स्वामी हैं | अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए प्रतिदिन नेपाल चैनल पर सुबह 6,साधना चैनल पर शाम 7.30 व श्रद्धा चैनल पर दोपहर 2 बजे जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज के अमृत प्रवचन |
जवाब देंहटाएंNice gyan complete bhagwan
जवाब देंहटाएंकबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा है सभी शास्त्र प्रमाण करते हैं वेद कुरान बाइबल गुरु ग्रंथ साहिब श्रीमद्भगवद्गीता वह पूर्ण परमात्मा पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब परम संत शिरोमणि तत्वदर्शी सतगुरु रामपाल जी महाराज जी रूप में प्रकट है मोक्ष प्रदान कर रहे हैं
जवाब देंहटाएंKabir is suprim god
हटाएंTrue knowledge and complete gyan
जवाब देंहटाएंशिशु कबीर परमेश्वर का नामांकन"
जवाब देंहटाएंजब कबीर साहेब का नाम रखने के लिए कुरान शरीफ पुस्तक को काज़ी ने खोला। प्रथम नाम ‘‘कबीरन्’’ लिखा था। काजियों ने सोचा इस छोटे जाति वाले का कबीर नाम रखना शोभा नहीं देगा। पुनः कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर-कबीर-कबीर-कबीर हो गए। कबीर परमेश्वर शिशु रूप में बोले मैं कबीर अल्लाह अर्थात् अल्लाहु अकबर, हूँ। मेरा नाम ‘‘कबीर’’ ही रखो।
सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहै, गई दीन की टेक।।
SupremeGod tatv gyan
जवाब देंहटाएंKabir is supreme God
जवाब देंहटाएंKabir is supreme God
जवाब देंहटाएंकबीर कर्ता आप है,दूजा ना कोई।
जवाब देंहटाएंदादू पूर्ण जगत को ,भक्ति दर्डावे सोई।।
अर्थ:-कबीर ही पूर्ण परमात्मा है,और कोई नही है,सारे जगत को सत भक्ति बताने वाला भी वही (कबीर)परमात्मा है।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का फिर से जन्म मरण नहीं होता है अधिक जानकारी के लिए आवश्यक लिए पुस्तक ज्ञान गंगा
जवाब देंहटाएंKabir is supreme god
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेखन है जिसमें परमेश्वर कबीरजी के चमत्कारो का वर्णन है जो कि बिल्कुल सत्य है
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएं#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
"जगन्नाथ के पांडे की कबीर जी द्वारा रक्षा"
जगन्नाथ पुरी में एक रामसहाय पाण्डा खिचड़ी का प्रसाद उतार रहा था। गर्म खिचड़ी उसके पैर पर गिर गई। उस समय कबीर जी अपने करमण्डल से हिम जल रामसहाय पाण्डा के पैर पर डाला। उसके तुरंत बाद राहत मिलते ही पैर ठीक हो गया। उस समय कबीर जी ना होते रामसहाय पाण्डा का पैर जल जाता।
गरीबदास जी देते हैं -
पग ऊपरि जल डालकर, हो गये खड़े कबीर। गरीबदास पंडा जरया, तहां परया योह नीर।।
जगन्नाथ जगदीश का, जरत बुझाया पंड। गरीबदास हर हर करत, मिट्या कलप सब दंड।।
#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएं#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
मृत लड़के कमाल को जीवित करना"
शेखतकी का कहना था कि अगर कबीर अल्लाह है, तो किसी मुर्दे को जीवित कर दे तो अल्लाह मान लूंगा। सुबह एक 10-12 वर्ष की आयु के लड़के का शव पानी में तैरता हुआ आ रहा था। शेखतकी ने जंत्र-मंत्र से प्रयत्न किया लेकिन लड़का जीवित नहीं हुआ। तब कबीर साहेब ने कहा कि हे जीवात्मा जहाँ भी है, कबीर हुक्म से मुर्दे में प्रवेश कर और बाहर आ। इतना कहा ही था कि शव में कम्पन हुई तथा जीवित होकर बाहर आ गया।
अवधू अविगत से चल आया कोई मेरा भेद मरम नही पाया काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया
जवाब देंहटाएंऐसे समत्कार केवल परमात्मा ही कर सकते है
जवाब देंहटाएंपरमेश्वर कबीर साहेब द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे मुर्दे को जीवित करना यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त भैंसों से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना तथा काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना
जवाब देंहटाएंNiracle With Gorakhnath" Once, Gorakhnath Ji Was Having A Spiritual Discussion With Lord Kabir, When He Sat Ona Trident (Trishul) At A Height On 5-6 Feet By Digging It In The Land And Asked Lord Kabir To Come And Sit With Him, Only Then Will The Spiritual Discussion Take Place. Lord Kabir Threw A Reel Of Thread In The Air And Sat
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएंस्वामी रामानंद जी को जीवित करना"
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने स्वामी रामानंद जी की गर्दन तलवार से काट दी थी। कबीर साहेब जी ने देखा कि रामानंद जी का धड़ कहीं और सिर कहीं पर पड़ा था। तब कबीर साहेब ने मृत शरीर को प्रणाम किया और कहा कि गुरुदेव उठो। दूसरी बार कहते ही सिर अपने आप उठकर धड़ पर लग गया और रामानंद जी जीवित हो गए।
#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
Very nice
जवाब देंहटाएंकबीर ही पूर्ण ब्रह्म परमात्मा है।
जवाब देंहटाएंसत्य बात
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएं#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
💥गोरखनाथ के साथ चमत्कार
एक बार गोरखनाथ जी जब कबीर परमेश्वर जी के साथ ज्ञान गोष्ठी कर रहे थे तो गोरखनाथ जी कबीर जी के सामने 5-6 फुट का त्रिशूल जमीन में गाड़कर उस पर बैठ गये और कहा कि यदि वार्ता करनी है तो मेरे साथ आकर बैठो।
कबीर जी ने एक धागे की रील आसमान में उछाली और 150 फुट की ऊंचाई पर धागे के अंतिम सिरे पर जाकर बैठ गए।
गोरखनाथ जी देखते रह गए।
#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएं#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
💥गोरखनाथ के साथ चमत्कार
एक बार गोरखनाथ जी जब कबीर परमेश्वर जी के साथ ज्ञान गोष्ठी कर रहे थे तो गोरखनाथ जी कबीर जी के सामने 5-6 फुट का त्रिशूल जमीन में गाड़कर उस पर बैठ गये और कहा कि यदि वार्ता करनी है तो मेरे साथ आकर बैठो।
कबीर जी ने एक धागे की रील आसमान में उछाली और 150 फुट की ऊंचाई पर धागे के अंतिम सिरे पर जाकर बैठ गए।
गोरखनाथ जी देखते रह गए।
बहुत ही अच्छा लिखा आपने।।
जवाब देंहटाएं#Miracles_Of_GodKabir
जवाब देंहटाएंजगन्नाथ के पांडे के पैर में उबलती हुई खिचड़ी गिर गई तब कबीर जी अपने करमंडल से जल को पांडे के पैर में डाला और उसका पैर पूरी तरह ठीक हो गया ,,,देखे रात 7.30 को साधना चैनल पर,,,,
#4DaysLeft_KabirPrakatDiwas
मात पिता मिल जाएंगे लख चौरासी माय सतगुरु सेवा और बंदगी फैर मिलन की ना
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