होली (holi) का आध्यात्मिक महत्व
वो कहते है ना की होली (holi) अगर भगवान के साथ खेले तो बात ही कुछ ओर होती है (who is god)
होली (holi) :- परमेश्वर की खोज में आत्मा युगों से लगी है। जैसे प्यासे को जल की चाह होती है। जीवात्मा परमात्मा से बिछुड़ने के पश्चात् महा कष्ट झेल रही है। जो सुख पूर्ण ब्रह्म(सतपुरुष) के सतलोक(ऋतधाम) में था, वह सुख यहाँ काल(ब्रह्म) प्रभु के लोक में नहीं है। चाहे कोई करोड़पति है, चाहे पृथ्वीपति(सर्व पृथ्वी का राजा) है, चाहे सुरपति(स्वर्ग का राजा इन्द्र) है, चाहे श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु तथा श्री शिव त्रिलोकपति हैं। क्योंकि जन्म तथा मृत्यु तथा किये कर्म का भोग अवश्य ही प्राप्त होता है (प्रमाण गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5)। इसीलिए पवित्र श्रीमद् भगवद् गीता के ज्ञान दाता प्रभु(काल भगवान) ने अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तथा अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि अर्जुन सर्व भाव से उस परमेश्वर की शरण में जा। उसकी कृपा से ही तू परम शांति को तथा सतलोक(शाश्वतम् स्थानम्) को प्राप्त होगा। उस परमेश्वर के तत्व ज्ञान व भक्ति मार्ग को मैं(गीता ज्ञान दाता) नहीं जानता। उस तत्व ज्ञान को तत्वदर्शी संतों के पास जा कर उनको दण्डवत प्रणाम कर तथा विनम्र भाव से प्रश्न कर, तब वे तत्वदृष्टा संत आपको परमेश्वर का तत्व ज्ञान बताएंगे। फिर उनके बताए भक्ति मार्ग पर सर्व भाव से लग जा (प्रमाण गीता अध्याय 4 श्लोक 34)। तत्वदर्शी संत की पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में बताते हुए कहा है कि यह संसार उल्टे लटके हुए वृक्ष की तरह है। जिसकी ऊपर को मूल तथा नीचे को शाखा है। जो इस संसार रूपी वृक्ष के विषय में जानता है वह तत्वदर्शी संत है। गीता अध्याय 15 श्लोक 2 से 4 में कहा है कि उस संसार रूपी वृक्ष की तीनों गुण(रजगुण-ब्रह्मा, सतगुण-विष्णु, तमगुण-शिव) रूपी शाखा है। जो (स्वर्ग लोक, पाताल लोक तथा पृथ्वी लोक) तीनों लोकों में ऊपर तथा नीचे फैली हैं। उस संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के विषय में अर्थात् सृष्टि रचना के बारे में मैं इस गीता जी के ज्ञान में नहीं बता पाऊंगा। यहां विचार काल में(गीता ज्ञान) जो ज्ञान आपको बता रहा हूँ यह पूर्ण ज्ञान नहीं है। उसके लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में संकेत किया है जिसमें कहा है कि पूर्ण ज्ञान(तत्व ज्ञान) के लिए तत्वदर्शी संत के पास जा, वही बताएंगे। मुझे पूर्ण ज्ञान नहीं है। गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी संत की प्राप्ति के पश्चात् उस परमपद परमेश्वर(जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) की खोज करनी चाहिए। जहां जाने के पश्चात् साधक पुनर् लौटकर वापिस नहीं आता अर्थात् पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है। जिस पूर्ण परमात्मा से उल्टे संसार रूपी वृक्ष की प्रवृत्ति विस्तार को प्राप्त हुई है। भावार्थ है कि जिस परमेश्वर ने सर्व ब्रह्मण्डों की रचना की है तथा मैं(गीता ज्ञान दाता ब्रह्म) भी उसी आदि पुरुष परमेश्वर अर्थात् पूर्ण परमात्मा की शरण हूँ। उसकी साधना करने से अनादि मोक्ष(पूर्ण मोक्ष) प्राप्त होता है। तत्वदर्शी संत वही है जो ऊपर को मूल तथा नीचे को तीनों गुण(रजगुण-ब्रह्म जी, सतगुण-विष्णु जी तथा तमगुण शिवजी) रूपी शाखाओं तथा तना व मोटी डार की पूर्ण जानकारी प्रदान करता है। (कृप्या देखें उल्टा लटका हुआ संसार रूपी वृक्ष का चित्र)(who is god)
अपने द्वारा रची सृष्टि का पूर्ण ज्ञान(तत्वज्ञान) स्वयं ही पूर्ण परमात्मा कविर्देव(कबीर परमेश्वर) ने तत्वदर्शी संत की भूमिका करके(कविर्गीर्भिः) कबीर वाणी द्वारा बताया है(प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 16 से 20 तक तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 90 मंत्र 1 से 5 तथा अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 1 से 7 में)।(who is god)
कबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ है, ज्योति निरंजन वाकी डार। तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार।। पवित्र गीता जी में भी तीन प्रभुओं(1. क्षर पुरुष अर्थात् ब्रह्म, 2. अक्षर पुरुष अर्थात् परब्रह्म तथा 3. परम अक्षर पुरुष अर्थात् पूर्णब्रह्म) के विषय में वर्णन है। प्रमाण गीता अध्याय 15 श्लोक 16.17, अध्याय 8 श्लोक 1 का उत्तर श्लोक 3 में है वह परम अक्षर ब्रह्म है तथा तीन प्रभुओं का एक और प्रमाण गीता अध्याय 7 श्लोक 25 में गीता ज्ञान दाता काल(ब्रह्म) ने अपने विषय में कहा है कि मैं अव्यक्त हूँ। यह प्रथम अव्यक्त प्रभु हुआ। फिर गीता अध्याय 8 श्लोक 18 में कहा है कि यह संसार दिन के समय अव्यक्त(परब्रह्म) से उत्पन्न हुआ है। फिर रात्री के समय उसी में लीन हो जाता है। यह दूसरा अव्यक्त हुआ। अध्याय 8 श्लोक 20 में कहा है कि उस अव्यक्त से भी दूसरा जो अव्यक्त(पूर्णब्रह्म) है वह परम दिव्य पुरुष सर्व प्राणियों के नष्ट होने पर भी नष्ट नहीं होता। यही प्रमाण गीता अध्याय 2 श्लोक 17 में भी है कि नाश रहित उस परमात्मा को जान जिसका नाश करने में कोई समर्थ नहीं है। अपने विषय में गीता ज्ञान दाता(ब्रह्म) प्रभु अध्याय 4 मंत्र 5 तथा अध्याय 2 श्लोक 12 में कहा है कि मैं तो जन्म-मृत्यु में अर्थात् नाशवान हूँ। (who is god)
उपरोक्त संसार रूपी वृक्ष की मूल(जड़) तो परम अक्षर पुरुष अर्थात् पूर्ण ब्रह्म कविर्देव है। इसी को तीसरा अव्यक्त प्रभु कहा है। वृक्ष की मूल से ही सर्व पेड़ को आहार प्राप्त होता है। इसीलिए गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में कहा है कि वास्तव में परमात्मा तो क्षर पुरुष अर्थात् ब्रह्म तथा अक्षर पुरुष अर्थात् परब्रह्म से भी अन्य ही है। जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है वही वास्तव में अविनाशी है। 1. क्षर का अर्थ है नाशवान। क्योंकि ब्रह्म अर्थात् गीता ज्ञान दाता ने तो स्वयं कहा है कि अर्जुन तू तथा मैं तो जन्म-मृत्यु में हैं(प्रमाण गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 में)। 2. अक्षर का अर्थ है अविनाशी। यहां परब्रह्म को भी स्थाई अर्थात् अविनाशी कहा है। परंतु यह भी वास्तव में अविनाशी नहीं है। जैसे एक मिट्टी का प्याला है जो सफेद रंग का चाय पीने के काम आता है। वह तो गिरते ही टूट जाता है। ऐसी स्थिति ब्रह्म(काल अर्थात् क्षर पुरुष) की जानें। दूसरा प्याला इस्पात(स्टील) का होता है। यह मिट्टी के प्याले की तुलना में अधिक स्थाई (अविनाशी) लगता है परंतु इसको भी जंग लगता है तथा नष्ट हो जाता है, भले ही समय ज्यादा लगे। इसलिए यह भी वास्तव में अविनाशी नहीं है। तीसरा प्याला सोने(स्वर्ण) का है। स्वर्ण धातु वास्तव में अविनाशी है जिसका नाश नहीं होता। जैसे परब्रह्म(अक्षर पुरुष) को अविनाशी भी कहा है तथा वास्तव में अविनाशी तो इन दोनों से अन्य है, इसलिए अक्षर पुरुष को अविनाशी भी नहीं कहा है । कारण:- सात रजगुण ब्रह्मा की मृत्यु के पश्चात् एक सतगुण विष्णु की मृत्यु होती है। सात सतगुण विष्णु की मृत्यु के पश्चात् एक तमगुण शिव की मृत्यु होती है। जब तमगुण शिव की 70 हजार बार मृत्यु हो जाती है तब एक क्षर पुरुष(ब्रह्म) की मृत्यु होती है। यह परब्रह्म(अक्षर पुरुष) का एक युग होता है। एैसे एक हजार युग का परब्रह्म का एक दिन तथा इतनी ही रात्री होती है। तीस दिन रात का एक महीना, बारह महीनों का एक वर्ष तथा सौ वर्ष की परब्रह्म(अक्षर पुरुष) की आयु होती है। तब यह परब्रह्म तथा सर्व ब्रह्मण्ड जो सतलोक से नीचे के हैं नष्ट हो जाते हैं। कुछ समय उपरांत सर्व नीचे के ब्रह्मण्डों(ब्रह्म तथा परब्रह्म के लोकों) की रचना पूर्ण ब्रह्म अर्थात् परम अक्षर पुरुष करता है। इस प्रकार यह तत्व ज्ञान समझना है। परन्तु परम अक्षर पुरुष अर्थात् पूर्ण ब्रह्म (सतपुरुष) तथा उसका सतलोक (ऋतधाम) सहित ऊपर के अलखलोक, अगम लोक तथा अनामी लोक कभी नष्ट नहीं होते। इसीलिए गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में कहा है कि वास्तव में उत्तम प्रभु अर्थात् पुरुषोत्तम तो ब्रह्म(क्षर पुरुष) तथा परब्रह्म(अक्षर पुरुष) से अन्य ही है जो पूर्ण ब्रह्म(परम अक्षर पुरुष) है। वही वास्तव में अविनाशी है। वही सर्व का धारण-पोषण करने वाला संसार रूपी वृक्ष की मूल रूपी पूर्ण परमात्मा है। वृक्ष का जो भाग जमीन के तुरंत बाहर नजर आता है वह तना कहलाता है। उसे अक्षर पुरुष(परब्रह्म) जानो। तने को भी आहार मूल(जड़) से प्राप्त होता है। फिर तने से आगे वृक्ष की कई डार होती हैं उनमें से एक डार ब्रह्म(क्षर पुरुष) है। इसको भी आहार मूल(जड़) अर्थात् परम अक्षर पुरुष से ही प्राप्त होता है। उस डार(क्षर पुरुष/ब्रह्म) की मानों तीन गुण(रजगुण-ब्रह्मा, सतगुण-विष्णु तथा तमगुण-शिव) रूपी शाखाएं हैं। इन्हें भी आहार मूल(परम अक्षर पुरुष अर्थात् पूर्णब्रह्म) से ही प्राप्त होता है। इन तीनों शाखाओं से पात रूप में अन्य प्राणी आश्रित हैं। उन्हें भी वास्तव में आहार मूल(परम अक्षर पुरुष अर्थात् पूर्णब्रह्म) से ही प्राप्त होता है। इसीलिए सर्व को पूज्य पूर्ण परमात्मा ही सिद्ध हुआ। यह भी नहीं कहा जा सकता कि पत्तों तक आहार पहुंचाने में तना, डार तथा शाखाओं का कोई योगदान नहीं है। इसलिए सर्व आदरणीय हैं, परन्तु पूजनीय तो केवल मूल (जड़) ही होती है। आदर तथा पूजा में अंतर होता है। जैसे पतिव्रता स्त्री सत्कार तो सर्व का करती है, जैसे जेठ का बड़े भाई सम, देवर का छोटे भाई सम, परन्तु पूजा अपने पति की ही करती है अर्थात् जो भाव अपने पति में होता है ऐसा अन्य पुरुष में पतिव्रता स्त्री का नहीं हो सकता। (who is god)
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पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही है।
जवाब देंहटाएंBilkul sahi pahichane
हटाएंJo bhagwan ke bhakt hote h unki to sda holi or sda diwali hoti h
हटाएंKabir is god
हटाएंNice post true knowledge based on holy books
kabir is real God
हटाएंVery nice post
परमेश्वर कबीर जी के नाम की होली खेलो जिसे खेलने के बाद परम शांति व सतलोक प्राप्ति होती है।
हटाएंसर्व सुखदाई अविनाशी परमेश्वर की भक्ति से हर दिन होली होगी, जीवन में खुशहाली होगी तथा पूर्ण मोक्ष मार्ग मिलेगा, जिससे हम सदा के लीये इस जन्म मृत्यु के रोग से छुटकारा पा सकेंगे।
हटाएंRight
हटाएंवास्तव में कबीर ही पूर्ण परमात्मा है।
हटाएंजरूर देंखें साधना tv 7:30 pm पर।
वह भगवान जो जन्म मरण से रहित है जिसे अविनाशी परमात्मा कहा जाता है गीता अध्याय 16 श्लोक नंबर 23 के अनुसार जिसे परम अक्षर पुरुष कहते हैं वह कवि देव अर्थात कबीर साहेब है
हटाएंजिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
हटाएंपूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है
हटाएंReal Knowledge
हटाएंअनमोल रहस्यमय जानकारी दी गई है जी
हटाएंमनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य की प्राप्ति हेतु संपूर्ण जानकारी हैं जी
हटाएंहमारे सभी धर्मों के सदग्रन्थों में प्रमाण है कि वो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही हैं
हटाएंपूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा पूर्ण आजीवन सत भक्ति करने से ही हमें सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलना संभव है
हटाएंसत भक्ति से ही जीव का कल्याण होना संभव है
हटाएंये बात तो आजतक किसी ने भी नही बताई की परमात्मा कबीर साहेब जी है।
हटाएंRight
हटाएंपवित्र सामवेद संख्या 359 अध्याय 4 खंड 25 श्लोक 8 में प्रमाण है कि जो (कविर्देव) कबीर साहिब तत्वज्ञान लेकर संसार में आता है वह सर्वशक्तिमान सर्व सुखदाता और सर्व के पूजा करने योग्य है
हटाएंऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 1 में लिखा है कि वह सर्वोत्पादक प्रभु , सृष्टि की रचना करने वाला, पाप कर्मो को हरण करने वाला राजा के समान दर्शनीय है 👉इससे सिद्ध हुआ कि परमात्मा साकार है
हटाएंहोली खेलनी है तो राम नाम की होली खेलो जिससे जीवन सफल हो जाए
हटाएंसत भक्ति ही जीवन का आधार है
हटाएंKabir is kamplit God
हटाएंमनुष्य जीवन का प्रथम उद्देश्य भक्ति करना है। शास्त्र अनुकूल भक्ति के लिए देखिए साधना टीवी चैनल शाम 7:30 से 8:30
हटाएंभाई हम अब ये केमिकल की holi ना खेलते ..अब तो हम राम-नाम की होली खेलते है ...हवा में उड़ते यह रंग आपको सांस संबंधी समस्याएं देकर दमा का मरीज भी बना सकते हैं।
जवाब देंहटाएंKabir is complete god
जवाब देंहटाएंReal Lord Kabir saheb.
जवाब देंहटाएंराम नाम की लूट है लूट सके तो लूट।
अंत काल पछिताओगे ,जब प्राण जायेंगे छूट।।
इस होली को खेलकर कोई मतलब नहीं है केवल अपने स्वास्थ्य को बिगाड़ना है होली खेलनी है तो राम नाम की होली खेली है जिसमें स्वास्थ्य भी खराब नहीं होगा और ज्ञान भी अधिक प्राप्त होगा और मोक्ष की प्राप्ति होगी
जवाब देंहटाएंहोली तो राम नाम की होती है असली होली
जवाब देंहटाएंअसली होली तो राम नाम की है और
जवाब देंहटाएंअसली होली सही में राम नाम की है और राम नाम की सही जानकारी पाने के लिए अवश्य पढ़िए है ज्ञान गंगा जीने की राह और यह पुस्तक घर बैठे फ्री में प्राप्त कर सकते हैं जी हा बिल्कुल फ्री है इसके लिए केवल आप को अपना पूरा पता नाम व मोबाइल नंबर इनबॉक्स में भेजना है
जवाब देंहटाएंNiNI
जवाब देंहटाएंहोली का त्योहार तो वर्ष में 1 दिन आता है लेकिन पूर्ण ब्रह्म परमात्मा की यथार्थ भक्ति करेंगे, तो हमारे हर दिन होली होगी अर्थात खुशी होगी , जिसका हम अंदाजा नहीं लगा सकते।
जवाब देंहटाएंअसली होली आत्मा को परमात्मा के रंग में रंगने है। जिससे हमें सभी खुशी और मोक्ष भी प्राप्त हो सके ।
जवाब देंहटाएंशास्त्रों के अनुसार भक्ति करने से हमें सभी सुख और मुक्ति मिलती है। वर्तमान में वह भक्ति मार्ग जिस पर चल कर हम सभी सुखी और परमात्मा को प्राप्त जार सकते है । सन्त रंपलजी महाराज के पास है । जो हमे विस्तार से शास्त्रों को समझाते है। अधिक जानने के लिए देखे साधना चैनल रात्रि 7:30
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बहुत ही गजब
जवाब देंहटाएंKabir is god
जवाब देंहटाएं👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 1 में लिखा है कि वह सर्वोत्पादक प्रभु , सृष्टि की रचना करने वाला, पाप कर्मो को हरण करने वाला राजा के समान दर्शनीय है 👉इससे सिद्ध हुआ कि परमात्मा साकार है
जवाब देंहटाएंGood gyan
जवाब देंहटाएंसत्संग जिसमें सत ज्ञान हो वही सत्संग कहलाता है और सत्संग सन्त रामपाल जी महाराज जी का है तो फिर कहना ही क्या समस्त मानव समाज को निवेदन सत्संग का धर्म लाभ प्राप्त करें
जवाब देंहटाएंसत्संग जिसमें सत ज्ञान हो वही सत्संग कहलाता है और सत्संग सन्त रामपाल जी महाराज जी का है तो फिर कहना ही क्या समस्त मानव समाज को निवेदन सत्संग का धर्म लाभ प्राप्त करें
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी तरह से आपने यह समझा है कि वह भगवान कौन है। Thanks
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सत्य ज्ञान प्रमाण सहित
जवाब देंहटाएंComplete god now on the earth in the form of sant rampal j maharaj
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे।
जवाब देंहटाएंkabir is Supreme god
जवाब देंहटाएंLordKabir_In_Vedas
जवाब देंहटाएंAccording to the holy Vedas
Kabir is complete god - rigved mandal 9 sukt 86 mantr 26,27.
More watch sadhna tv at 07:30 to 08:30 pm.
हम नकली होली नहीं खेलते हम तो सिर्फ राम नाम की होली खेलते हैं क्योंकि नकली होली से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है
जवाब देंहटाएंKabir is god
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा सब के मालिक को पाखंड और दिखावा पसंद नहीं है परमात्मा को सत्य मार्ग अधिक प्रिय है
जवाब देंहटाएं“कबीर, ज्ञानी हो तो हृदय लगाई, मूर्ख हो तो गम ना पाइ
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं।
जवाब देंहटाएंहक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
पूर्ण गुरु के आध्यात्मिक ज्ञान से हमें उस परमात्मा का पता चलेगा और हम उसकी भक्ति करके सुख शान्ति व मोक्ष को प्राप्त करेंगे
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा,, पढ़कर अच्छा लगा।।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सत्य ज्ञान है पूर्ण परमात्मा की भक्ति से ही हम सास्वत स्थान को प्राप्त कर सकते हैं
जवाब देंहटाएंSbhi holy books k according kabir ji hi parmatma h
जवाब देंहटाएंआइए हम सब मिलकर राम नाम की होली खेलते हैं असली होली परमात्मा जी रंग में रंगने की है परमात्मा से हमारे को सर्व सुख प्राप्त हो सकते हैं
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही बताया जी कबीर साहेब जी ही वास्तविक परमात्मा है
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा ज्ञान समझाया है जी आपने
जवाब देंहटाएंजी सही कहा है।
हटाएंपवित्र वेदों के अनुसार परमात्मा चारों युगों में आते हैं और शास्त्र विरूद्ध भक्ति साधना पर लगे श्रद्धालुओं को तत्वज्ञान से परिचित करवाकर उन्हें मोक्ष मार्ग प्रदान करते हैं। परमात्मा जब पृथ्वी पर आते हैं तो एक कवि, संत और साधारण मनुष्य की भूमिका करते हैं। आज परमात्मा संत रामपालजी महाराज के रूप में हमारे बीच मौजूद हैं, आवश्यकता है तो उन्हें केवल ज्ञान आधार से पहचानने की।
हटाएंअधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना टीवी चैनल सांय 7:30 बजे से
पूर्ण संत की शरण में जाने से ही मोक्ष संभव है
जवाब देंहटाएंAccording to our holy books Kabir is supreme god
जवाब देंहटाएंyaa I too believe that there is only one god... thanks for sharing this blog
जवाब देंहटाएंSuper जानकारी दी हे जी इस ब्लॉग मे
जवाब देंहटाएं💯 right
जवाब देंहटाएंपूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहते हुए आजीवन सत भक्ति करने से ही सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलता है।
जवाब देंहटाएंRight
जवाब देंहटाएंTrue gyan
जवाब देंहटाएंकुरान ज्ञान दाता हजरत मुहम्मद जी को कहता है कि उस अल्लाह की जानकारी किसी बाख़बर इल्मवाले संत से पूछो।
जवाब देंहटाएंवह बाख़बर इल्मवाले संत रामपाल जी महाराज हैं जो अल्लाह की सम्पूर्ण जानकारी रखते हैं।
Kabir Saheb Is Supreme God according to the spiritual books.
जवाब देंहटाएंSpecial knowledge
जवाब देंहटाएंअसली होली तो राम नाम की होली है राम नाम के बिना सब धकली होली है
जवाब देंहटाएंKabir is supreme god
जवाब देंहटाएंTrue God
जवाब देंहटाएंKabir is God
Yes this is true...the real God is Kabir
जवाब देंहटाएंबहुत अछि जानकारी है।
जवाब देंहटाएंKabir is God
जवाब देंहटाएंAnd Tatvdarshi sant all world is SantRampalJiM
Kabir is supreme god
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंVery good spiritual knowledge
जवाब देंहटाएं#Who_Is_God
जवाब देंहटाएंTRUTH OF VEDAS
Rigved Mandal 9 Sukt 1 Mantra 9
When the Supreme Eternal God while performing a divine act, acquiring a child from, appears by Himself, at that time a maiden cow itself gives milk by which Supreme God is nurtured. @SaintRampalJiM
Nice
जवाब देंहटाएंKabir is superim god
जवाब देंहटाएंकबीर परमात्मा साकार है,मनुष्य सदृश्य है सतलोक में सिंघासन पर राजा के समान विराजमान है
जवाब देंहटाएंअसली होली तो राम नाम की ही खेलनी चाहिए। कबीर भगवान
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है जी
जवाब देंहटाएंसतज्ञान और सतभक्ति की जानकारी के लिए अवश्य देखिये
जवाब देंहटाएंसाधना टीवी हर शाम 7:30 बजे से
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान अनमोल है जी
जवाब देंहटाएंDon't know but willing to know
जवाब देंहटाएंℙ𝔸𝕣𝕞𝕒𝕥𝕞𝕒 𝕜𝕚 𝕤𝕒𝕥𝕓𝕙𝕒𝕜𝕥𝕚 𝕜𝕒𝕣𝕞𝕖 𝕨𝕒𝕝𝕠 𝕜𝕠 𝕜𝕒𝕓𝕚 𝕕𝕦𝕜𝕙 𝕟𝕙𝕚 𝕙𝕠𝕥𝕒 𝕙𝕒𝕞𝕖𝕤𝕙𝕒 𝕙𝕚 𝕡𝕒𝕣𝕞𝕒𝕥𝕞𝕒 𝕜𝕖 𝕟𝕒𝕒𝕞 𝕜𝕒 𝕒𝕒𝕟𝕒𝕟𝕕 𝕞𝕚𝕝𝕥𝕒 𝕣𝕒𝕛𝕙𝕥𝕒 𝕙
जवाब देंहटाएंये पोस्ट पढ़कर बहुत अच्छा लगा और इसमें परमात्मा की कैसे खोज की जा सकती हैं । इसके लिए बहुत ही अच्छी तरह से समज आ सकता है।
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएं👌
जवाब देंहटाएंराम नाम की होली खेलने से आत्मा का मंजन और सुख प्राप्त होता है जो कि आगे जाकर भी भक्ति काम आती है
जवाब देंहटाएंRyt
जवाब देंहटाएंकबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक है।
जवाब देंहटाएंयजुर्वेद 5:32
कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं
जवाब देंहटाएं"धाणक रूप रहा करतार"
राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24
नानक देव जी कहते हैं :-
मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।
सभी धार्मिक ग्रंथों में जिस भगवान की गवाही दी गई है उस भगवान का नाम कबीर साहिब है शास्त्र के अनुसार भक्ति साधना पूर्ण संत ही बता सकता है जिस संत की ओर कुरान शरीफ बाईबल चारों वेद पुराण इशारा कर रहे हैं इसलिए पूर्ण संत बनाकर बना मानव जीवन धन्य बनाएं
जवाब देंहटाएंGood point
जवाब देंहटाएंपरमात्मा सतलोक में विराजमान है तथा गति करके अच्छी आत्माओ को मिलता है उस परमात्मा का वास्तविक नाम कबीर देव है।
जवाब देंहटाएंKabir is God
जवाब देंहटाएंयजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 25,26 में लिखा है कि जो वेदों के अधूरे वाक्यों अर्थात सांकेतिक शब्दों व एक चौथाई श्लोकों को पूरा पूरा करके विस्तार से बताएंगा व तीन समय की पूजा करवाएगा। वह जगत का उपकारक संत सच्चा सतगुरु होगा।
यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 25,26 में लिखा है कि जो वेदों के अधूरे वाक्यों अर्थात सांकेतिक शब्दों व एक चौथाई श्लोकों को पूरा पूरा करके विस्तार से बताएंगा व तीन समय की पूजा करवाएगा। वह जगत का उपकारक संत सच्चा सतगुरु होगा।
जवाब देंहटाएंवह परमात्मा सतलोक में राजा के समान दर्शनीय है तथा सिर पर मुकुट है।
जवाब देंहटाएंपरमात्मा का नाम कबीर (कविर देव) है। - पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहोली खेलनी है तो राम नाम की खेलो जिसका रंग कभी नहीं उतरता। बल्कि और गहरा होता जाता है। और वही सच्ची राम रंग होली है।
जवाब देंहटाएंVeri nice knowledge
जवाब देंहटाएंKabir is the real God
जवाब देंहटाएंहोली खेलनी है तो राम नाम की खेलो जिसका रंग कभी नहीं उतरता। बल्कि और गहरा होता जाता है। और वही सच्ची राम रंग होली है।
जवाब देंहटाएंKabir saheb is divine god.
जवाब देंहटाएंKabir Is Supreme God
जवाब देंहटाएंBahut hi gahra gyan h
जवाब देंहटाएंAmazing spiritual knowledge
जवाब देंहटाएंराम नाम की होली खेली थी भगत प्रह्लाद ने, जिसके कारण आग भी उसको जला नहीं पायी। आज हमको भी सतभक्ति की आवश्यकता है, जिससे कर्मों की आग से हम बच सकें और मोक्ष प्राप्त करें।
जवाब देंहटाएंkabir is suprme god.
जवाब देंहटाएंKabir is God
जवाब देंहटाएंभगवान कबीर साहिब है।
जवाब देंहटाएंकविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर सर्व ब्रह्मण्डों व प्राणियों को अपनी शब्द शक्ति से उत्पन्न करने के कारण (जनिता) माता भी कहलाता है तथा (पित्तरम्) पिता तथा (बन्धु) भाई भी वास्तव में यही है तथा (देव) परमेश्वर भी यही है। - पवित्र अथर्ववेद
जवाब देंहटाएंसद्भक्ति से संभव है
जवाब देंहटाएंहमें वास्तविकता में जीना सीखना होगा क्योंकि आज तक हम दिखावा ही कर रहे थे
जवाब देंहटाएंसमय रहते जागो आध्यात्म ज्ञान समझो
ज्ञान गंगा
Asli holi ram nam ki holi he
जवाब देंहटाएंMtlb sdbhkti krna vo bhi scche satguru
Ki sharm me jakar
वह परमात्मा सतलोक में राजा के समान दर्शनीय है तथा सिर पर मुकुट है।
जवाब देंहटाएंतपेश्वरी राजेश्वरी नरकेश्वरी
जवाब देंहटाएंतप से राज मिलता है राजा बनने के बाद नरक में जाना पड़ता है
ज्ञान गंगा
Jo bhagwan ke bhakt hote h unki to sda holi or sda diwali hoti h
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंAmazing
जवाब देंहटाएंपरमात्मा सदा साथ रहने वाला व सच्चा ज्ञान देने वाला है।
जवाब देंहटाएंKabir Saheb Ji is supreme God
जवाब देंहटाएंआदि राम के नाम की होली खेलो जिसे खेलने के बाद परम शांति व सतलोक प्राप्ति होती है।
जवाब देंहटाएंहोली खेलनी है तो राम नाम की खेलो जिसका रंग कभी नहीं उतरता। बल्कि और गहरा होता जाता है। और वही सच्ची राम रंग होली है।
जवाब देंहटाएंअधिक जानकारी के लिए देखिये साधना टीवी शाम 7:30 से
असली होली राम नाम की होली है
जवाब देंहटाएंKabir is god
जवाब देंहटाएंRight
जवाब देंहटाएंराम नाम की होली खेली थी भगत प्रह्लाद ने, जिसके कारण आग भी उसको जला नहीं पायी। आज हमको भी सतभक्ति की आवश्यकता है, जिससे कर्मों की आग से हम बच सकें और मोक्ष प्राप्त करें।
जवाब देंहटाएंKabir is supreme god
जवाब देंहटाएंKabir saheb ji is supreme god
जवाब देंहटाएंKabir is real God On earth 🌍
जवाब देंहटाएंAwesome post
जवाब देंहटाएंAccording to all our scripture, saint rampal ji maharaj is prove that kabir is god.
जवाब देंहटाएंवह परमात्मा कबीर है
जवाब देंहटाएंकबीर साहेब परमात्मा है
जवाब देंहटाएंअध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ।
क्या वास्तव में असली भगवान कबीर साहेब जी है उनको तो आजतक सन्त ही सम्बोधन किया करते थे
जवाब देंहटाएंऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का फिर से जन्म मरण नहीं होता है।
जवाब देंहटाएंक्या आप जानते हैं कि हमें होली मनानी चाहिए या नहीं होली मनाना सही है या गलत इसके बारे में हमें हमारे शास्त्रों को देखना चाहिए की हमारे शास्त्रों में इसके बारे में बताया गया है या नहीं क्या आप जानते हैं की हमें इस होली को बनाने से कोई लाभ प्राप्त होता है या नहीं अगर हम इस होली की जगह राम नाम की होली मनाएं जिससे हमारे सभी प्रकार के दुखों का निवारण हो तथा हमें सुख प्राप्त हो जो वह पूर्ण परमात्मा ही दे सकता है जिनके बारे में हमारी पवित्र शास्त्रों में प्रमाण है क्या आप जानते हैं कि वह पूर्ण परमात्मा कौन है जिसकी हमें भक्ति करनी चाहिए तथा जो हमें सुख प्रदान कर सकता है तथा जिसके बारे में हमारे सभी शास्त्रों में प्रमाण है आइए उसके बारे में हम विस्तार से जाने की वह पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। -ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
जवाब देंहटाएंपरमात्मा साकार है, सशरीर है और राजा के समान दर्शनीय है। - यजुर्वेद
कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है। - ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17
जो रंग की होली हम खेलते है वह कभी भगवान को ख़ुश नहीं कर सकती है। अगर भगवान को ख़ुश करना है तो हमें “राम रंग होली” (राम नाम की होली) खेलनी होगी। उसके लिए हमें सदगुरु जी से नाम दीक्षा लेकर उनके द्वारा बताए मंत्रो का जाप करना होगा। इसी प्रकार राम रंग होली खेली जाती है।
जवाब देंहटाएंजिस प्रकार भक्त प्रह्लाद ने भक्ति करके परमेश्वर को याद किया जिससे उसकी सदैव रक्षा हुई। तो क्यों ना हम भी उस परमेश्वर को सदा याद करें जिससे हमारी भी सदैव रक्षा हो।
जवाब देंहटाएंआइए इन नकली रंगों को छोड़कर राम नाम की वास्तविक होली खेलें।
Very nice 👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंAccording to our holy books kabir saheb is supreme God.
जवाब देंहटाएंAnmol gyan
जवाब देंहटाएंHoli is the feeling which is gotten under worship of supreme God Kabir Saheb ji
जवाब देंहटाएंकबीर साहब ही पूर्ण परमात्मा है
जवाब देंहटाएंNice knowlwdge
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जवाब देंहटाएंGod Kabir is the Giver of life!
Lord Kabir revived the corpse of Sheikh Taqee's daughter.He named her Kamali.
Must watch sadhna TV daily 7:30pm.
संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं जिस भक्ति को अपनाने से साधक को लोक तथा परलोक दोनों में सुख मिलता है अधिक जानकारी के लिए देखें ईश्वर टीवी चैनल प्रतिदिन रात्रि 8:30 बजे
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही है अगर होली खेलनी हैं तो पूर्ण परमात्मा के राम नाम की खेलों ताकि मोक्ष प्राप्ति मिल सकें।
जवाब देंहटाएंऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 1 में लिखा है कि वह सर्वोत्पादक प्रभु , सृष्टि की रचना करने वाला, पाप कर्मो को हरण करने वाला राजा के समान दर्शनीय है 👉इससे सिद्ध हुआ कि परमात्मा साकार है
जवाब देंहटाएंअधिक जानकारी के लिए देखिए साधना TV 7:30 pm
पूर्ण परमात्मा कबीर जी अपने मुक्तिधाम से अर्थात सतलोक से से शरीर चलकर आते हैं और शिशु रूप में लीला करते हैं कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा हैं
जवाब देंहटाएंAmazing
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जवाब देंहटाएंजी ने शास्त्रों के आधार पर भक्ति विधि बताई है जिससे हम सतलोक को प्राप्त होंगे।
सतलोक जहा सूख ही सुख है।
Kabir is kampleet god
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जवाब देंहटाएं🔹 ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का फिर से जन्म मरण नहीं होता है।
सभी धार्मिक शास्त्रों में प्रमाण है परमात्मा साकार है सशरीर है ,अर्थात् मनुष्यदृश्य हैै।
जवाब देंहटाएंI'm also with holi of Ram naam
जवाब देंहटाएंKabir Dev is supreme god who brings true spiritual knowledge to this world and breaks the karmic cycle of "Kaal"
जवाब देंहटाएंTo know more about must watch Sadhna TV from7: 30 p.m.
There are many evidences of supreme God Kabir Saheb ji
जवाब देंहटाएंहोली मतलब खुशी , स्थायी खुशियां तो परमेश्वर ही हम दे सकते हैं ।।
जवाब देंहटाएंGod kabir is complete god. God kabir is our sevior. He is the one who liberates the soul from devil's bondage.
जवाब देंहटाएंHe is the one who protects us in the mother's womb.
Supreme Saint Rampal Ji Maharaj is the only Complete Guru in the whole of this universe at this point in time who can impart the true mantra (initiation) to his disciples by which they can achieve salvation or Moksha.
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice post 👌👍
जवाब देंहटाएंSupreme God is Kabir वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है ऋग्वेद मंडल 1 सूक्त 31, मंत्र 17 ,ऋग्वेद मंडल 9 ,सूक्त86 मंत्र 26,27 ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त, 82 ,मंत्र 1 से 3, मैं लिखा प्रभु राजा के समान दर्शनीय है
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा जी होली तो भगवान के साथ ही खेलना चाहिए
जवाब देंहटाएंपरमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भगत के पाप नष्ट हो जाते हैं
जवाब देंहटाएंAccording to our holy books kabir saheb is supreme God.
जवाब देंहटाएंसंपूर्ण सृष्टि के रचयिता कबीर साहिब ही हैं! जो हर युग में अवतार लेकर अपना ज्ञान स्वयं बताते हैं, उन्होंने कलयुग में अपना असली नाम कबीर साहिब के रूप में अवतरित हुए थे।
जवाब देंहटाएंये बात तो आजतक किसी ने भी नही बताई की परमात्मा कबीर साहेब जी है।
जवाब देंहटाएंगीता जी अध्याय 8 के श्लोक श्लोक नंबर 9 जिस कबीर परमेश्वर की परिभाषा लिखी वही परमात्मा पूर्ण परमेश्वर है
जवाब देंहटाएंपूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है जो जो असंख्य ब्रह्मांड के रचन हार और सृष्टि का रचना एवं पालन करता है वास्तव में पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब है ऐसा हमारे सद्ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं
जवाब देंहटाएंप्रमाण के लिए देखिए साधना टीवी चैनल 7:30 pm से
Kabir saheb is a supreme god
जवाब देंहटाएंकबीर परमेश्वर ऐसा अविगत राम है जिसका न आदि (जन्म-शुरूआत) है, न अंत है
जवाब देंहटाएंयानि मृत्यु है अर्थात् सनातन अविनाशी परमात्मा है। उसका कोई वार-पार यानि भेद नहीं,
वह अनमोल, अचल (स्थाई) हिरंबर (स्वर्ण की तरह सुनहरी रंग यानि तेजोमय) है।
Kabir is god
जवाब देंहटाएंRight
जवाब देंहटाएंKabirisgod वह परमात्मा कबीर देव है जिसमें 6 दिन में सृष्टि रचाई है इसी का प्रमाण बाइबल कुरान में मिलता है
जवाब देंहटाएंKbir is great
जवाब देंहटाएंSupermgod kabir
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी है जी
जवाब देंहटाएंजब तक पूर्ण परमात्मा की भक्ति नहीं मिल जाती तब तक कितनी भी भक्ति कर ले जन्म और मृत्यु खत्म नहीं हो सकता
जवाब देंहटाएंपरमात्मा कबीर साहेब है इसका प्रमाण हमारे शास्त्रों के अंदर है संत रामपाल जी महाराज शस्त्रों को खोल खोल करके दिखाते रहे हैं साधना टीवी पर शाम को 7:30 बजे आप एक बार जरूर देखें जी
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में सुनाया जिसका भावार्थ है कि
जवाब देंहटाएंकबीर साहेब परमात्मा स्वयं पृथ्वी पर प्रकट होकर (तत्वज्ञान) प्रचार करता है कविर्देव कबीर वाणी कहलाती है सत्य आध्यात्मिक ज्ञान (तत्वज्ञान) को कबीर परमात्मा लोकोक्तियो, दोहों, शब्दों, चौपाइयों व कविताओं के रूप में पदो में कबीर वाणी द्वारा बोलकर सुनाता है
वह परमात्मा कबीर है जिसने छः दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।
जवाब देंहटाएंवास्तविक भगवान कबीर देव
जवाब देंहटाएंReal god kabir dev
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंKabir is God
जवाब देंहटाएं[: ALLAH IS "Kabir"
जवाब देंहटाएंQuran - Surah Al Furqan 25:58 Prophet Muhammad's God is referring to some other Supreme God and is asking Prophet Muhammad to sing the glory of
"Allah Kabir" who is immortal and is worthy of being worshipped.
- Baakhabar Sant Rampalji Maharaj
Quran - Surat Al Furqan 25: 52
Prophet Muhammad's God says :
Do not listen to the kafir (disbelievers) because they do not consider Kabir as the Supreme God.
Baakhabar Sant RampalJi Maharaj
BIBLE SAYS GOD MADE HUMANS IN HIS OWN IMAGE.
जवाब देंहटाएंGENESIS 1:27
" So God created man in his own image, in the image of God he created him; male and female he created them "
God is not formless
Sour Dear Lord made us like him only,
we are his image, we resemble him.
- Spiritual Teacher Sant Rampal Ji