कबीर साहेब (कबीरदास) का जीवन परिचय

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कबीर साहेब की जीवनी

कबीर साहेब की जीवनी में उनकेे जन्म अगर हम बात करें तो बहुत सारे लोगों केे अलग अलग मत है। कुछ तो यू कहते हैंं कि कबीर साहिब जी विधवा केे पुत्र थे, जिसने लोक लाज के कारण लहरतारा तालाब में छोड़ दिया था। जहां पर नीरू नामक मुसलमान को मिले। लेकिन अगर हम धनी धर्मदास जी द्वारा लिखित कबीर सागर को अगर पढ़े तो बात कुछ अलग ही है, और हम इसी बात को सही मानेंगे क्योंकि यह प्रमाणित भी है।
कबीर सागर के अनुसार और अन्य धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब आदि के अनुसार कबीर साहेब काशी में लहरतारा तालाब के अंदर कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। जिनके प्रत्यक्ष गवाह रामानंद जी के शिष्य अष्टानंद जी थे।


कबीर साहेब या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनका लेखन सिखों के आदि ग्रंथ में भी देखने को मिलता है।

वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी।उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू और मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए धमकी दी थी।

पुख्ता प्रमाण के अनुसार कबीर साहेब का कमल के फूल पर आगमन विक्रमी संवत 1455 सन 1398 में ब्रह्म मुहूर्त में आए। उस समय नीरू नीमा नामक मुसलमान दंपति जोकि पूर्व में हिंदू थे वहां पर नहाने के लिए आए हुए थे तथा उनको पूर्व में कोई संतान भी नहीं थी। फूल पर विराजमान कबीर साहिब जी को नीरू नीमा अपने साथ लेकर गए। वही 25 दिन तक उस छोटे से बच्चे ने किसी भी प्रकार का कोई आहार नहीं किया। जब काशी वालों ने प्रथम बार उस बच्चे को देखा तो हर कोई अचंभित हो रहा था क्योंकि वह बच्चा इतना खूबसूरत था कि हर कोई उसे अवतार का रूप कह रहा था।

विशेष - आज भी काशी के लोगों की मान्यता है कि कबीर साहिब जी ने कुंवारी गाय का दूध पिया था और उसी का इसे उनकी परवरिश हुई थी।

कबीर साहिब जी की लीलाएं

वह कहते हैं ना संत भगवान का रूप होते हैं और हकीकत भी यही है। मैं तो यू कहूंगा की संत भगवान का रूप ही नहीं स्वयं भगवान ही होते हैं।

संत कबीर साहिब जी ने भी अपने जीवन काल में अनेक प्रकार की लीलाएं की तथा उन्होंने समाज में व्याप्त कुप्रथा पाखंड आदि को मिटाने में आम भूमिका निभाई।

पितरो को जल देना
एक समय कुछ ब्राह्मण गंगा घाट के किनारे खड़े होकर पितरों को जल दे रहे थे उसी समय कबीर साहिब जी ने उनके क्रियाकलाप को देखा और वह भी अपने दोनों हाथों से जल देने लगे। ब्राह्मण के पूछने पर कबीर साहिब ने कहा कि मैं यहां जल मेरे घर के पास एक बागवानी बनी हुई है वहां के लिए मैं अपने दोनों हाथों से जल दे रहा हूं। इस पर ब्राह्मण ने कहा कि आप यहां से इस तरह से बागवानी में जल नहीं दे सकते। तब कबीर साहिब जी ने भी कहा कि तो फिर आप इस गंगा घाट से पितरों को कैसे जल पहुंचा रहे हो जो के ऊपर के लोग में विराजमान है। इन बात से ब्राह्मण उनसे नाराज हो जाते थे।

स्वामी रामादेवानंद जी महाराज का अंधविश्वास तोड़ना तथा सद्भक्ति के लिए प्रेरित करना-


5 वर्ष की आयु में 104 वर्ष के रामानंद को को पूरा ज्ञान समजाया वेदों का रहस्य , 
जब स्वामी रामानंद जी ने कहा तुम तो नीच जाती छोटी जाती के हो और में ब्रामण हु, तभी कबीर। जी 5 वर्ष में लीलामय आयु में बोले 

जाती न पूछ साध की ,पूछ लीजियो ज्ञान ।
मोल करो तलवार का , पड़ी रहने दो म्यान। 

रामानंद ने कहा तुम अपने आप को भगवान कह रहे हो तुम तो एक जुलाहा के टुकड़े में पह रहे हो बड़े हो रहे हो। रामानंद जी कहा तुम इतनी छोटी उम्र में मुज 104 वर्ष के आयु को ज्ञान समझा रहे हों कुजात हो तुम, (कुजात मतलब न माँ बाप से जन्मे)। तुम यह महापुरुष की इतनी अच्छा ज्ञान कहा से हुआ, फिर धिरे - धिरे कबीर जी को रामानंद जी समझने लगे , फिर कबीर जी ने सतलोक दिया जहा से वो आये थे, 
तब रामानंद जी ने कहा 

रामानंद जी को 104 वर्ष की आयु में  सत्य ज्ञान समझाया तथा सतलोक दिखाया, 

दोहू ठौर है एक तू , भया एक से दोय। गरीबदास हम करने उतरे है मघ जोय। 

बोलत रामानंद जी सुन कबीर करतार । गरीब दास सब रूप में, तू ही बोलनहार।।



कबीर साहेब का मगर के लिए प्रस्थान


काशी के पंडितों ने एक मिथक फैला दिया था कि अगर मगहर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसे गधे का अगला जन्म मिलेगा और अगर काशी में उसकी मृत्यु हो जाती है, तो वह स्वर्ग को प्राप्त करेगा।
कबीर जी मिथक को दूर करने के लिए काशी से मगहर आए थे कि सच्चा उपासक कहीं भी अपने प्राण त्यागे वह भगवान को पा लेगा ।
कबीर जी के सभी हिन्दू और मुस्लिम शिष्य एकत्रित हुए। मुस्लिम शासक बिजली खान पठान और हिंदू राजा वीर सिंह बघेल भी स्वामी कबीर के पार्थिव शरीर को प्राप्त करने और उनके धार्मिक तरीके के अनुसार अपने गुरु का अंतिम संस्कार करने के लिए वहां मौजूद थे।  


कबीर जी ने उन्हें सख्ती से कहा कि वे उनके शरीर के लिए संघर्ष न करें, बल्कि शांति से रहें। कबीर साहब ने खुद को एक और चादर से ढँक लिया।  कुछ समय बाद, कबीर जी ने आकाशवाणी की कि वह  सतलोक जा रहे हैं जहाँ से वह आए हैं।  कबीर जी के मृत शरीर को चादर के नीचे नहीं पाया गया था, इसके बजाय केवल सुगंधित फूल पाए गए थे। कबीर साहिब ने हिंदुओं और मुसलमानों को सद्भाव के साथ रहने का आदेश दिया।  हिंदू और मुस्लिम दोनों ने आपस में फूल बांटे और स्मारक बनाया जो आज भी काशी में है ।

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204 टिप्पणियाँ

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  1. उत्तर
    1. गरीब, हम सुल्तानी नानक तारे, दादू को उपदेश दिया।
      जाती जुलाहा भेद नहीं पाया, वह काशी माही कबीर हुआ।।

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    2. कबीर जी पूर्ण परमात्मा है वह चारों युगों में आए थे और लीला करके चले गए वही पूर्ण परमात्मा है इन्हें पहचाना हमारे सारे सब ग्रंथों में यह प्रमाण है

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  2. सत साहिब कबीर देव जी महाराज ही एकमात्र पूर्ण परमात्मा है जो तीनो लोको का पालन पोषण करते हैं आप भी विश्व के एकमात्र तत्व दर्शी गुरू रामपाल जी महाराज जी से नाम दीझा लेकर जीवन सफल करवाये क्योंकि ये मानव जीवन मिलना बहुत ही दुर्लभ है वो पूर्ण सन्त से ही सद् भक्ति का सार मन्त्र मिल सकता है ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें www.jagatgururampalji.org
    या देखीये सत्संग साधना चेनल्स पर सत्संग शाम 7:30 से 8:30

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  3. Kabir is supreme god.
    5 June कबीरसाहेब प्रकट दिवस।

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  4. सत साहिब कबीर देव जी महाराज ही एकमात्र पूर्ण परमात्मा है जो तीनो लोको का पालन पोषण करते हैं आप भी विश्व के एकमात्र तत्व दर्शी गुरू रामपाल जी महाराज जी से नाम दीझा लेकर जीवन सफल करवाये क्योंकि ये मानव जीवन मिलना बहुत ही दुर्लभ है वो पूर्ण सन्त से ही सद् भक्ति का सार मन्त्र मिल सकता है ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें www.jagatgururampalji.org
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  5. सात समुद्र कि मसी करू,लेखनी करूँ बनराय ।
    धरती का कागज करू, गुरु गुण लिखा न जय।।

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    उत्तर
    1. कबीर साहिब जी सन 1398 में भारत की धरती पर काशी शहर के अंदर लहरतारा तालाब में सीधे सतलोक से प्रगट हुए हुए एवं 120 वर्ष इस धरती पर रहकर सत भक्ति मार्ग का परिचय सारी दुनिया को कराया और वास्तविक परमेश्वर की जानकारी दी वह स्वयं ही परमेश्वर बनकर इस धरती पर 120 वर्ष लीला करते रहे पाखंडवाद कुरीतियों भ्रम आत्मक क्रियाकलापों से लोगों को मुक्ति दिलाई आज लगभग 623 वर्ष वर्ष बीत जाने के बाद हमारे पवित्र चारों वेद पुराण शास्त्र कुरान बाइबल मैं वही साकार परमात्मा के रूप में कबीर देव जी का नाम अनेक अनेक जगह विद्यमान हैं एक बहुत बड़ी बात है सबका मालिक एक कभी परमेश्वर ही थे

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  6. कबीर साहिब जी सन 1398 में भारत की धरती पर काशी शहर के अंदर लहरतारा तालाब में सीधे सतलोक से प्रगट हुए हुए एवं 120 वर्ष इस धरती पर रहकर सत भक्ति मार्ग का परिचय सारी दुनिया को कराया और वास्तविक परमेश्वर की जानकारी दी वह स्वयं ही परमेश्वर बनकर इस धरती पर 120 वर्ष लीला करते रहे पाखंडवाद कुरीतियों भ्रम आत्मक क्रियाकलापों से लोगों को मुक्ति दिलाई आज लगभग 623 वर्ष वर्ष बीत जाने के बाद हमारे पवित्र चारों वेद पुराण शास्त्र कुरान बाइबल मैं वही साकार परमात्मा के रूप में कबीर देव जी का नाम अनेक अनेक जगह विद्यमान हैं एक बहुत बड़ी बात है सबका मालिक एक कभी परमेश्वर ही थे

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  7. कबीर साहेब जी को शेखतकी ने उबलते हुवे तेल मे बिठाया है फिर भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाया क्यो की कबीर परमेश्वर अविनाशी परमात्मा है

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  8. उत्तर
    1. कबीर परमात्मा सर्वशक्तिमान है सारी सृष्टि के मालिक हैं और सभी के पालन करता केवल कबीर देव है यह प्रमाण श्रीमद भगवत गीता में दिया हुआ है

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  9. Kabir God went to Maghar with his physical body to Satlok
    And in place of his body fragrant flowers were found, which according to the command of God Kabir, the two religions divided into half and took. They built memorial with a difference of 100 feet from each other in Maghar, which is still present today.
    This is an example of mutual harmony and unity between the two religions Hindus and Muslims.

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  10. 600 years ago, before leaving his body in Maghar, Kabir Sahib explained his knowledge to all the people, saying that Rama and Allah are one. People of all religions are children of one God.

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  11. बहुत ही अच्छा विवरण दिया है।

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  12. दिल्ली के सम्राट सिकंदर लोधी ने जनता को शांत करने के लिए अपने हाथों से हथकड़ियाँ लगाई, पैरों में बेड़ी तथा गले में लोहे की भारी बेल डाली आदेश दिया गंगा दरिया में डुबोकर मारने का। उनको दरिया में फैंक दिया। कबीर परमेश्वर जी की हथकड़ी, बेड़ी और लोहे की बेल अपने आप टूट गयी। परमात्मा जल पर सुखासन में बैठे रहे कुछ नहीं बिगड़ा।

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  13. #52_Cruelities_On_GodKabir
    Once Sikandar Lodhi put Kabir Saheb Ji in a boiling oil pan.
    When he saw that nothing happened, he put his finger in that hot pan and after that he lost his finger but Lord Kabir Saheb Ji made finger complete by his blessings.

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  14. बहुत अच्छी जानकारी मिली जी🙏🙏🙏🙏🙏

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  15. वास्तव में कबीर एक संत ही नहीं सतगुरु तत्वदर्शी स्वयं परमात्मा ही थे। कबीर शब्द संस्कृत के कवि: शब्द का अपभ्रंश हैं। वेदों में कविर्देव,कविरमितोजा,कविरघांरि कविरबंभारि लिखा है यही वास्तव में कबीर परमात्मा का नाम है। जब 15 वीं सदी में कबीर जी आए थे तो उसको भक्ति आंदोलन कहते हैं और उस समय कबीर जी बोल कर गए थे कि जब कलयुग 5505 बीतेगा तब मैं वापस आऊंगा और आज वही समय चल रहा है तो कबीर साहेब संत रामपाल जी महाराज के रूप में धरती पर आए हुए हैं

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  16. इससे सिद्ध होता है kabir is supreme God

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  17. आज तक सभी यह पूछते हैं कि वास्तव में वह भगवान कौन है जिसने इस सृष्टि की रचना की है इस प्रश्न का उत्तर छोटा सा है लेकिन आज तक हमें वह पता ही नहीं चला क्योंकि जो हमारे धर्म के जानने वालों ने हमें सही जानकारी नहीं दी क्योंकि उन्हें भी यह जानकारी नहीं थी अपनी मनमर्जी से भगत आत्मा को भक्ति करवाते थे जिससे उन्हें कोई लाभ प्राप्त नहीं होता था इस कारण से आज ज्यादातर सभी देशों में नास्तिक हो गए हैं इसका मूल कारण यही है की सत भक्ति में करना सतभक्ती बिना मानव जीवन का उद्देश्य पूरा नहीं होता क्योंकि मानव जीवन केवल सत भक्ति करने के लिए प्राप्त हुआ है कबीर साहब जी ने कहा है कि


    "जिव्हा तो वाहे बली जो रटे हरि नाम नहीं तो काट के फेंक दियो मुख में बलो या चाम"
    मानव जीवन का उद्देश्य है कि परमात्मा की भक्ति करना इसीलिए मानव जीवन प्राप्त हुआ है लेकिन आजकल सभी ऐसा समझते हैं कि मानव जीवन हमें धन उपार्जन के लिए प्राप्त हुआ है लेकिन उनकी यह धारणा गलत है कबीर साहिब जी ने कहा है कि

    "कबीर धनवनता सोई जानिए राम नाम धन होय"
    मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य राम नाम लेना है लेकिन आज यह संसार ऐसा बिल्कुल नहीं कर रहा इसके विरुद्ध कर रहा है जिससे उन्हें भक्ति से कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा इसी कारण लोग कहते हैं कि भगवान है ही नहीं यह उनकी गलत धारणा है क्योंकि हमें कुछ भी प्राप्त करने के लिए उसकी सही विधि का उपयोग किया जाता है तभी हम उस को प्राप्त कर सकते हैं

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  18. आश्चर्यजनक बात है की कबीर साहिब जी भगवान है और वह इस पृथ्वी पर रहकर भी चले गए बहुत ही गजब की बात है बहुत ही अच्छी जानकारी मिली आज तो धन्यवाद

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  19. Kabir is komplite god ved ttha hmare sastar parman dete he.

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  20. #52_Cruelities_On_GodKabir
    दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेखतकी ने कहा कि अगर यह कबीर अल्लाह है तो इसकी परीक्षा ली जाए कोई मुर्दा जीवित करे। तब सर्वशक्तिमान कबीर परमात्मा ने दरिया में बहते आ रहे एक लडके के‌ शव को हजारों लोगों के सामने जीवित किया। उसका नाम कमाल रखा। कबीर परमेश्वर समर्थ भगवान हैं। पूर्ण परमात्मा ही मृत व्यक्ति को जीवित कर सकता हैं।

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  21. #52_Cruelities_On_GodKabir
    कबीर परमात्मा जब एक बार गंगा दरिया में डुबोने से भी नहीं डूबे तो शेखतकी ने फिर आदेश दिया कि पत्थर बाँधकर पुन: गंगा के मध्य ले जाकर जल में फैंक दो। सब पत्थर बँधन मुक्त होकर जल में डूब गए, परंतु परमेश्वर कबीर जी जल के ऊपर सुखासन लगाए बैठे रहे। नीचे से गंगा जल की लहरें बह रही थी। परमेश्वर आराम से जल के ऊपर बैठे थे।

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    1. परमात्मा कबीर चारों युगो में आए हैं |
      कुछ धूर्त लोगों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब की पूर्ण परमात्मा होने के लिए कई प्रकार से कष्ट दिये परीक्षा ली किन्तु कबीर परमात्मा तो समर्थ हैं |

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  23. All the holy scriptures proves that Kabir is superem and immortal God and he is in form like as human.

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  24. पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर जी सन 1727 में अपनी प्यारी आत्मा गरीबदास जी को मिले उनको तत्वज्ञान समझाया सतलोक का नजारा दिखाया और फिर इस समय के लिए अपना गवाह तैयार किया

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  25. यह बिल्कुल सत्य लेख है इसमें कोई दो राय नहीं

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  26. आज तक समाज में कबीर जी के बारे में भ्रम फैला रखा था आज सच्चाई जानी है

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  27. कबीर साहेब की जीवनी में उनकेे जन्म अगर हम बात करें तो बहुत सारे लोगों केे अलग अलग मत है। कुछ तो यू कहते हैंं कि कबीर साहिब जी विधवा केे पुत्र थे, जिसने लोक लाज के कारण लहरतारा तालाब में छोड़ दिया था। जहां पर नीरू नामक मुसलमान को मिले। लेकिन अगर हम धनी धर्मदास जी द्वारा लिखित कबीर सागर को अगर पढ़े तो बात कुछ अलग ही है, और हम इसी बात को सही मानेंगे क्योंकि यह प्रमाणित भी है।
    कबीर सागर के अनुसार और अन्य धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब आदि के अनुसार कबीर साहेब काशी में लहरतारा तालाब के अंदर कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। जिनके प्रत्यक्ष गवाह रामानंद जी के शिष्य अष्टानंद जी थे।

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  28. दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेखतकी ने कहा कि अगर यह कबीर अल्लाह है तो इसकी परीक्षा ली जाए कोई मुर्दा जीवित करे। तब सर्वशक्तिमान कबीर परमात्मा ने दरिया में बहते आ रहे एक लडके के‌ शव को हजारों लोगों के सामने जीवित किया। उसका नाम कमाल रखा। कबीर परमेश्वर समर्थ भगवान हैं। पूर्ण परमात्मा ही मृत व्यक्ति को जीवित कर सकता हैं।

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  29. खूनी हाथी से मरवाने की व्यर्थ चेष्टा"
    शेखतकी के कहने पर दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने कबीर परमेश्वर को खूनी हाथी से मरवाने की आज्ञा दे दी। शेखतकी ने महावत से कहकर हाथी को एक-दो शीशी शराब की पिलाने को कहा।
    हाथी मस्ती में भरकर कबीर परमेश्वर को मारने चला। कबीर जी के हाथ-पैर बाँधकर पृथ्वी पर डाल रखा था। जब हाथी परमेश्वर कबीर जी से दस कदम (50 फुट) दूर रह गया तो परमेश्वर कबीर के पास बब्बर शेर खड़ा केवल हाथी को दिखाई दिया। हाथी डर से चिल्लाकर (चिंघाड़ मारकर) भागने लगा। परमेश्वर के सब रस्से टूट गए। उनका तेजोमय विराट रूप सिकंदर लोधी को दिखा। तब बादशाह ने कांपते हुए अपने गुनाह की माफी मांगी।

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  30. कबीर परमात्मा मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते वह सहशरीर आते हैं ओर शहशरीर ही वापस अपने निज धाम को चले जाते हैं जैसे कि कलयुग में लहरतारा तालाब पर कमल के फूल पर अवतरित हुए और मगहर में सहशरीर ही गये

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  31. कबीर परमात्मा की सच्ची जीवनी है।

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  32. पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब

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  33. कबीर साहेब जी का न तो जन्म होता है ना ही मृत्यु

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  34. वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है

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  35. कबीर साहेब किसी माता के पेट से जन्म नहीं लेते बल्कि वह प्रभु सह शरीर प्रकट हुए थे और उनकी परवरिश क्वारी गायों के दूध से हुई थी।देखिये साधना 7:30pm

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  36. वास्तव में कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं।

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  37. शेखतकी ने जुल्म गुजारे, बावन करी बदमाशी,
    खूनी हाथी के आगे‌ डालै, बांध जूड अविनाशी,
    हाथी डर से भाग जासी, दुनिया गुण गाती है।
    शेखतकी ने अविनाशी को मारने के लिए खूनी हाथी के आगे डाला। हाथी कबीर भगवान के पास जाते ही डर कर भाग गया। तब लोगों ने कबीर साहेब की जय-जय कार की। कबीर भगवान अविनाशी है।

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  38. #कबीरपरमेश्वर_सशरीर_सतलोक_गए
    कबीर परमात्मा मगहर से सशरीर सतलोक गए थे!
    जिंदा जोगी जगत् गुरु, मालिक मुरशद पीर। दहूँ दीन झगड़ा मंड्या, पाया नहीं शरीर।।

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  39. परमेश्वर कबीर जी सह शरीर धरती पर एक सदगुरु रूप में प्रकट होते हैं वह प्रभु किसी माँ के पेट से जन्म नहीं लेते देखिये साधना चैनल 7:30pm.

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  40. हमारे वेदों पुराणों ग्रंथों आदि में कबीर साहेब जी का विवरण दिया हुआ है

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  41. शेखतकी ने जुल्म गुजारे, बावन करी बदमाशी,
    खूनी हाथी के आगे‌ डालै, बांध जूड अविनाशी,
    हाथी डर से भाग जासी, दुनिया गुण गाती है।
    शेखतकी ने अविनाशी को मारने के लिए खूनी हाथी के आगे डाला। हाथी कबीर भगवान के पास जाते ही डर कर भाग गया। तब लोगों ने कबीर साहेब की जय-जय कार की। कबीर भगवान अविनाशी है।

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  42. Kabir is Supreme God. prove in all holy books & must watch "Sadhna"Tv 7:30pm.

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  43. God is one
    👉Only kabir is real god
    Must watch sadhna TV at 7:30 pm

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  44. कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है।
    वही सर्व सृष्टि के रचनहार कुल मालिक हैं।

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  45. पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने कभी भी मां की कोख से जन्म नही लिया वो सहशरीर आये थे सहशरीर गए थे जिनका निज स्थान सतलोक है और वो ही अविनाशी परमात्मा है

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  46. कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा हैं व सर्व सृष्टि रचनहार हैं
    परमेश्वर कबीर साहेब ने अपने द्वारा रची सृष्टि की जानकारी दी है। जिसमें परमेश्वर कबीर जी ने ब्रह्म, दुर्गा, ब्रह्मा, विष्णु, शिव की उत्पत्ति की जानकारी दी है।

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  47. कबीर परमेश्वर चारों युगों में अपने सत्य ज्ञान का प्रचार करने आते हैं।
      सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान।
      झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।

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  48. सर्वशक्तिमान कबीर परमेश्वर जी जब चाहे उस समय प्रकट होते हैं और अच्छी दृढ़ आत्माओं को सतलोक का सत्य ज्ञान बताते हैं देखिये साधना चैनल 7:30pm.

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  49. कबीर जी पूर्ण परमात्मा हैं जो कि वर्तमान में संत रामपाल जी के रूप में अवतरित हैं।

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  50. #52_Cruelities_On_GodKabir
    कबीर परमात्मा जब एक बार गंगा दरिया में डुबोने से भी नहीं डूबे तो शेखतकी ने फिर आदेश दिया कि पत्थर बाँधकर पुन: गंगा के मध्य ले जाकर जल में फैंक दो। सब पत्थर बँधन मुक्त होकर जल में डूब गए, परंतु परमेश्वर कबीर जी जल के ऊपर सुखासन लगाए बैठे रहे।

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  51. #52_Cruelities_On_GodKabir
    "खूनी हाथी से मरवाने की व्यर्थ चेष्टा"
    शेखतकी के कहने पर दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने कबीर परमेश्वर को खूनी हाथी से मरवाने की आज्ञा दे दी। शेखतकी ने महावत से कहकर हाथी को एक-दो शीशी शराब की पिलाने को कहा।
    हाथी मस्ती में भरकर कबीर परमेश्वर को मारने चला। कबीर जी के हाथ-पैर बाँधकर पृथ्वी पर डाल रखा था। जब हाथी परमेश्वर कबीर जी से दस कदम (50 फुट) दूर रह गया तो परमेश्वर कबीर के पास बब्बर शेर खड़ा केवल हाथी को दिखाई दिया। हाथी डर से चिल्लाकर (चिंघाड़ मारकर) भागने लगा। परमेश्वर के सब रस्से टूट गए। उनका तेजोमय विराट रूप सिकंदर लोधी को दिखा। तब बादशाह ने कांपते हुए अपने गुनाह की माफी मांगी।

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  52. बहुत सुन्दर लिखा है!! इतना अच्छा लेख पढने को मिला आपका शुक्रिया��

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  53. कबीर साहिब जी चारों युगों में आते हैं और वह सह शरीर वापिस अपने निजधाम सतलोक लोग चले जाते हैं

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  54. पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं।
    हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
    ‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
    नानक देव जी कहते हैं:-
    हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।

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  55. Nice ज्ञान given by संत रामपाल जी

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  56. कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा है।

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  57. कबीर देव जी अपने निजी लॉक से चलकर इस पृथ्वी पर आकर विराजमान होते हैं बालक रूप धारण करके निसंतान दंपत्ति को प्राप्त होते हैं और फिर बड़े होकर अपने ज्ञान का प्रचार करते हैं और परमात्मा अपने बच्चों को सत भक्ति व सच्चा नाम देखकर उनसे भक्ति करवाते हैं

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  58. Sekh Taki tried 52 times to kill the God Kabir Sahib. But every time he was not success bcoz Kabir ji is Supereme God and nobody can't harm to him .
    5 June कबीर प्रकट दिवस

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  59. KavirDev means Kabir Parmeshwar because of generating all the brahmands and beings with his word power, (Janita) is also called mother and (Pitharam) father and (brother) brother are also the same and (Dev) God is also this. - Holy Atharvaveda

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  60. The complete divine KavirDev (Kabir Parmeshwar) lives in the third Mukti Dham i.e. Satlok.

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  61. बहुत अच्छी जानकारी दी कबीर साहब के बारे में।

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  62. कबीर साहिब जी चारों युगों में आते हैं और वह सह शरीर वापिस अपने निजधाम सतलोक लोग चले जाते हैं ।

    मगहर में भाईचारे की मिसाल आज भी कायम है ।

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  63. Kabir ji is supreme God. He lives in eternal place of Satlok.

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  64. God Almighty is God Kabir There is proof in the Vedas that the Kabir Supreme Soul can overcome every crisis of his seeker in a moment.
    Must watch satsang on sadhna TV from 7:30pm to 8:30pm

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  65. सुखदायक प्रभु कबीर साहेब
    कबीर परमात्मा संपूर्ण शांतिदायक है, और पाप का शत्रु है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32

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  66. In Kali Yuga, God Kabir appeared by his real name Kabir on the lotus flower in the Lahartara pond in Kashi city. In Kalyug, the childless couple Neeru and Neema nurtured them.

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  67. कबीर परमात्मा धरती पर लीला करने शरीर आते हैं और सर शरीर चले जाते हैं

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  68. Lord Kabir appeared on a lotus flower in the Lehartara pond of Kashi in Kalyug and was known by His actual name. A Childless couple, Neeru and Neema, nurtured Him in Kalyug.

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  69. इनसे सब से तो यही प्रमाणित होता है कि कबीर जी ही भगवान है।

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  70. कबीर साहिब जी ही पूर्ण परमात्मा है

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  71. ritual teacher of Sikander Lodhi was Sheikh Taki. He said if Kabir Saheb is Allah, then he must have the power to alive a dead. Kabir Saheb then gave new life to a dead body named Kamal.

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  72. #52_Cruelities_On_GodKabir
    उबलते तेल में जलाने की चेष्टा

    परमेश्वर कबीर जी को जीवित जलाने के लिए उन्हें उबलते तेल के कड़ाहें में डाला गया। लेकिन समर्थ अविनाशी परमात्मा का बाल भी बांका नहीं हुआ।
    अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़िए संत रामपाल जी महाराज के द्वारा सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाणित लिखित ज्ञान गंगा पुस्तक या देखें शाम को 7:30 से 8:30 तक साधना टीवी चैनल पर जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अद्भुत और अलौकिक मंगल प्रवचन।

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  73. कबीर परमेश्वर पुर्ण परमात्मा है, जो किसी माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं जिसका वेद भी समर्थन करते हैं।

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  74. Yeah I agree with this speech it's very well and it's true

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  75. कबीर परमेश्वर ही पूर्ण परमात्मा है यह तो 600 साल पहले ही आकर वेदों के अनुसार ज्ञान दिया एकता का पाठ पढ़ाया जिसमें एक नारा दिया
    जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख इसाई धर्म नहीं कोई न्यारा

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  76. दिल्ली के सम्राट सिकंदर लोधी ने जनता को शांत करने के लिए अपने हाथों से हथकड़ियाँ लगाई, पैरों में बेड़ी तथा गले में लोहे की भारी बेल डाली आदेश दिया गंगा दरिया में डुबोकर मारने का। उनको दरिया में फैंक दिया। कबीर परमेश्वर जी की हथकड़ी, बेड़ी और लोहे की बेल अपने आप टूट गयी। परमात्मा जल पर सुखासन में बैठे रहे कुछ नहीं बिगड़ा
    #52_Cruelities_On_GodKabir

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  77. कबीर परमेश्वर को शेखतकी ने उबलते हुए तेल में बिठाया। लेकिन कबीर साहेब ऐसे बैठे थे जैसे कि तेल गर्म ही ना हो। सिकन्दर बादशाह ने तेल के परीक्षण के लिए अपनी उंगली डाली, तो उसकी उंगली जल गई। लेकिन अविनाशी कबीर परमेश्वर जी को कुछ भी नहीं हुआ।

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  79. कबीर परमात्मा अविनाशी है इसके प्रमाण में शेख तकी ने 52 तरह से परमेश्वर कबीर जी को मारने की कोशिश करी पर हर बार विफल रहा है क्योंकि कबीर परमेश्वर अविनाशी परमात्मा है

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  80. Kabir Sahib was secular, not believing in Hinduism and Islam. He condemned social evils, rituals, superstitions and severely criticized social evils. During his lifetime both Hindus and Muslims threatened him for his views. Sheikh Taki, the pir of the then king Sikandar Lodhi, went to many places to kill him but every time he failed.

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